भारत विविधताओं का देश है. यहां आपको अलग-अलग परंपराएं, मान्यताएं और विचारधाराएं कुछ-कुछ मील दूर पर मिलने लगेंगी. मगर सबसे खास है यहां के लोगों की आस्था. हम भारतीयों की ये खासियत है कि हम जिसे भी दिल से मानने लगते हैं उसे भगवान का दर्जा दे देते हैं. आज हम आपको भारत के 8 ऐसे पूजा स्थलो के बारे में बताने जा रहे हैं जहां देवी-देवताओं की तरह इंसान से लेकर मोटरसाइकल तक पूजी जाती है.
केरल के थ्रिसुर में स्थित कोडुंगलूर भगवति मंदिर अपने में ही बेहद अनोखा है क्योंकि यहां देवी भद्रकाली की पूजा की जाती है और यहां देवी को गाली और विचित्र गानों से संबोधित किया जाता है. मार्च और अप्रैल के दौरान यहां भारनी त्योहार होता है जिसमें देवी के सामने लोग अपने सिर पर ही तलवार से वार करते हैं जब तक कि खून ना आने लगे.
आंध्र प्रदेश के कुरनूल में स्थित देवरागट्टू मंदिर में हर साल विजयदशमी की रात को लोग या तो दूसरों को मारने या मरने जाते हैं. ये प्रथा लंबे वक्त से चली आ रही है. यहां माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा होती है. लोग अपने साथ लाठी-डंडे लाते हैं और एक दूसरे को पीटते हैं. माना जाता है कि भगवान ने यहां मणि और मल्लासुर नाम के राक्षसों का लाठियों से वध किया था.
राजस्थान के जोधपुर में एक मंदिर है जहां बुलेट यानी मोटरसाइकल की पूजा की जाती है. यहां 350 सीसी की एक रॉयल एनफील्ड गाड़ी खड़ी हुई है. लोग इसे बुलेट बाबा मंदिर कहते हैं मगर इस ओम बन्ना धाम के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर के बनने के पीछे कहानी ये है कि 2 दिसंबर 1988 को ओम बन्ना नाम के शख्स अपनी गाड़ी से जा रहे थे जब वो एक पेड़ से भिड़ गए और उनकी तुरंत मौत हो गई.
पुलिस ने जांच की और बाइक को पुलिस स्टेशन ले गई. लोगों का दावा है कि बाइक अपने आप वहां से गायब होकर घटना स्थल पर पहुंच गई थी. दूसरी बार पुलिस ने पेट्रोल का टैंक खाली कर दिया और उसे पुलिस स्टेशन में चेन से बांधकर रखा मगर अगले दिन वो फिर से गायब हो गई. तब से इसकी पूजा होने लगी.
जलंधर में स्थित शहीद बाबा निहाल सिंह गुरुद्वारा में जिन लोगों का वीजा अटक जाता है, वो यहां खिलौने वाला हवाईजहाज प्रसाद के तौर पर चढ़ाते हैं. ये करीब 150 साल पुराना गुरुद्वारा है. इस हवाईजहाज गुरुद्वारा भी कहते हैं.
सदी के महानायक यानी ‘बि बी’ अमिताभ बच्चन तो हर किसी के फेवरेट हैं. इसी को देखते हुए जब साल 2017 में सरकार 3 मूवी आई थी तब ऑल बंगाल अमिताभ बच्चन फैन्स एसोसिएशन ने उनकी एक विशाल मूर्ति स्थापित कर कोलकाता में मंदिर का निर्माण किया था.
कोलकाता में ही एक चीनी काली मंदिर है. इस मंदिर में आपको प्रसाद के तौर पर लड्डू-पेड़ा नहीं, नूडल और चॉपसी मिलती है. कलकत्ता के चाइना टाउन में स्थिति चाइनीज काली मंदिर 80 साल पुराना है. यहां आपको ईस्ट एशियन और तिब्बत का कल्चर देखने को मिलेगा.
मध्य प्रदेश के उज्जैन में काल भैरव नाथ मंदिर है. माना जाता है कि इसे राजा भद्रसेन ने शिप्रा नदी के किनारे बनवाया था. इस मंदिर में लोग भगवान की मूर्ति को शराब, भोग के तौर पर चढ़ाते हैं और उन्हें प्रसाद में शराब ही मिलती है. इस वजह से यहां हजारों लोग आते हैं और मंदिर के बाहर दिन रात दुकानों में शराब मिलती है.
शहीद बाबा निहाल सिंह गुरुद्वारा की ही तरह तेलंगाना में वीजा बालाजी मंदिर (Visa Balaji temple) है. यहां भगवान वेंकटेश्वर की पूजा की जाती है. मान्यता है कि यहां पूजा करने वालों की वीजा की समस्या हल हो जाती है और वो आसानी से विदेश जा पाते हैं.