आज कल लोग खाना ऑनलाइन ही ज्यादा ऑर्डर करते हैं क्योंकि लोगों के पास समय की कमी है। खाना ऑनलाइन मंगाने के लिए लोग फूड डिलीवरी कंपनी Swiggy और Zomato का इस्तेमाल करते हैं।
इन दोनों ही के जरिए लोग खाना तो ऑर्डर करते ही हैं साथ ही लोग Domino’s Pizza भी इसी से ऑर्डर करते हैं पर अब हो सकता है कि लोग Swiggy और Zomato का इस्तेमाल पिज्जा आर्डर करने के लिए न कर पाएं क्योंकि डोमिनोज अब स्विगी और जोमैटो को लेकर बड़ा कदम उठा सकती है।
क्या है मामला
Domino’s Pizza लोकप्रिय फूड डिलीवरी ऐप जोमैटो और स्विगी पर ऑर्डर लेना बंद कर सकती है। यह खुलासा डोमिनोज की होल्डिंग फर्म जुबिलेंट फूडवर्क्स ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के पास एक गोपनीय फाइलिंग में किया है।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने 19 जुलाई को CCI को लिखे एक पत्र में कहा, “कमीशन दरों में वृद्धि के मामले में जुबिलेंट अपने अधिक व्यवसायों को ऑनलाइन रेस्तरां प्लेटफॉर्म से इन-हाउस ऑर्डरिंग सिस्टम में स्थानांतरित करने पर विचार करेगा.”
मांगा गया था जवाब
CCI ने Zomato और Swiggy की कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं की जांच के तहत डोमिनोज इंडिया फ्रैंचाइजी और कई अन्य रेस्तरां से जवाब मांगा था।
प्रतिक्रिया के हिस्से के रूप में डोमिनोज इंडिया ने यह भी कहा कि जुलाई के दौरान भारत में उसका लगभग 27 प्रतिशत कारोबार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से उत्पन्न हुआ, जिसमें उसके मोबाइल ऐप और वेबसाइट शामिल हैं।
सीसीआई ने अप्रैल में जोमैटो और स्विगी में जांच शुरू की थी। उस दौरान नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने इन ऐप्स पर अत्यधिक कमीशन और अन्य प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं का आरोप लगाया था। रेस्तरां निकाय ने यह भी आरोप लगाया कि जोमैटो और स्विगी द्वारा लिया जाने वाला कमीशन 20-30 प्रतिशत की सीमा में था।
मुनाफा में गिरावट
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ उद्योग कार्यकारी ने नाम लेने से इनकार करते हुए बताया कि जोमैटो और स्विगी के कमीशन डोमिनोज और कई अन्य रेस्तरां के लिए चिंता का विषय था।
अगर कमीशन में और इजाफा किया जाता है तो वे कारोबार के प्रॉफिट को कम कर देंगे और इसका दबाव फिर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
CCI ने अप्रैल में खाना डिलीवरी करने वाले प्लेटफॉर्म Zomato और Swiggy के कथित अनुचित व्यावसायिक व्यवहारों की जांच का आदेश दिया था, तब NRAI ने प्लेटफॉर्म के रेस्तरां भागीदारों के साथ व्यवहार पर चिंता जताई थी।
उस दौरान यह आरोप लगाया गया था कि कंपनियों ने कुछ ब्रांड्स को अतिरिक्त शुल्क या किराए के कमीशन के लिए अपनी सुविधाएं देने की पेशकश की थी।