नई दिल्ली. चेतेश्वर पुजारा ने कुछ दिनों पहले ही इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट में जमकर रन बनाए थे और अपने उसी प्रदर्शन के दम पर उन्हें भारतीय टेस्ट टीम में फिर से जगह मिल गई थी। पुजारा पर टीम इंडिया ने इस कदर विश्वास जताया कि रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में उन्हें शुभमन गिल के साथ ओपनिंग करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई। उम्मीद जताई जा रही थी कि पुजारा कुछ कमाल करेंगे क्योंकि उन्होंने काउंटी क्रिकेट में खूब रन बनाए हैं, लेकिन हो गया उल्टा। पुजारा इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में ना तो रन बना पाए और ना ही टीम की विश्वास पर खड़े उतरे।
पहली पारी में पुजारा के बल्ले से निकले 13 रन
पुजारा ने इस साल इंग्लैंड में ससेक्स के लिए चार काउंटी मैचों की सात पारियों में दो दोहरे शतक लगाने के साथ-साथ 170 और 109 रन की पारी खेली थी। हालांकि वो अपने इस फार्म को इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट मैच की पहली पारी में तो नहीं दिखा पाए। उन्होंने 46 गेंदों का सामना करते हुए 2 चौकों की मदद से 13 रन की पारी खेली और जेम्स एंडरसन की गेंद पर जैक क्राउली ने उनका कैच लपक लिया।
वैसे पुजारा ने इससे पहले लीसेस्टरशायर के खिलाफ चार दिवसीय प्रैक्टिस मैच में भी अपनी बल्लेबाजी से निराश किया था। इसके बावजूद टीम मैनेजमेंट ने उन पर भरोसा दिखाया, लेकिन वो इस पर खरे तो नहीं उतरे।
2019 के बाद पुजारा नहीं लगा पाए हैं शतक
टेस्ट क्रिकेट में पुजारा ने साल 2019 में जनवरी में आस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी शतक लगाया था। उसके बाद से लेकर अब तक पिछले 27 टेस्ट मैचों में वो शतक लगाने के लिए तरस रहे हैं।
पुजारा के लगातार खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें भारतीय धरती पर श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज से बाहर कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद काउंटी में अच्छे प्रदर्शन के जरिए उन्होंने टेस्ट टीम में वापसी की, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट मैच की पहली पारी में बुरी तरह से फेल रहे।