जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जम्मू एंड कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन घोटाले में चार्जशीट दाखिल की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने प्रमुख फारूक अब्दुल्ला की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। 84 साल के अब्दुल्ला पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।
क्या है JKCA?
जम्मू कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) जम्मू-कश्मीर में क्रिकेट के संचालन और प्रबंधन का काम देखता है। जम्मू-कश्मीर की टीम रणजी ट्रॉफी जैसे डोमेस्टिक टूर्नामेंट जेकेसीए के नेतृत्व में ही खेलती है। यह एसोसिएशन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का सदस्य है।
जेकेसीए का घरेलू मैदान श्रीनगर का शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम है। JKCA जम्मू एंड कश्मीर रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटीज के साथ पंजीकृत है। वर्तमान में यह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय उप-समिति द्वारा चलाया जाता है।
है JKCA घोटाला?
2011 से 2012 के बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने जम्मू-कश्मीर में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए 112 करोड़ रुपये दिए थे। आरोप है कि 46.3 करोड़ रुपये की हेराफेरी कर दी गई।
घोटाले को अंजाम देने के लिए एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित अन्य लोगों के निजी बैंक अकाउंट्स में गलत तरीके से पैसों को ट्रांसफर किया गया।
केंद्र में सरकार बदलने के बाद साल 2015 में कथित घोटाले को लेकर दो क्रिकेटर्स- माजिद याकूब डार और निसार अहमद खान ने एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई थी, जिसके बाद जेकेसीए का खाता फ्रीज कर दिया गया। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी
CBI के FIR को आधारा बनाकर 2018 में ED ने भी मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू कर दी। तब से लेकर अब तक इस मामले में फारुक अब्दुल्ला से कई बार पूछताछ हो चुकी है। इस मामले में साल 2019 में अब्दुल्ला का बयान दर्ज किया गया था। 2020 के अक्टूबर माह में उनसे दो बार पूछताछ की गई थी। 2020 के ही दिसंबर में ईडी ने अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क कर दी थी।
तब एजेंसी ने दावा किया था कि 2006 और 2012 के बीच अब्दुल्ला ने जेकेसीए फंड की लॉन्ड्री के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया है। ईडी ने कहा, ”2005-2006 से 2011 के बीच जेकेसीए को बीसीसीआई से कुल 109.78 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली थी।”
घोटाले का अब्दुल्ला से क्या संबंध?
एजेंसी का दावा है कि JKCA में घोटाला 2006 से 2012 के बीच हुई है। अब्दुल्ला 2001 और 2011 के बीच JKCA के अध्यक्ष थे। यानी घोटाले के दौरान JKCA अब्दुल्ला की देखरेख में काम कर रहा था।
यही वजह है कि उनकी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। इस मामले में पूर्व सीएम के अलावा JKCA के तत्कालीन कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा और सलीम खान भी मुख्य आरोपी हैं। अहसान अहमद एक बार गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं।