पंजाब के मोहाली स्थित चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में छात्राओं के नहाते हुए वीडियो बनाकर उसे वायरल करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी छात्रा को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी खुद उसी यूनिवर्सिटी में एमबीए की छात्रा है। उधर, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी हॉस्टल की वार्डन को हटा दिया है। यूनिवर्सिटी भी छह दिन के लिए बंद कर दी गई है।
इस मामले से छात्र-छात्राओं से लेकर उनके पैरेंट्स तक परेशान हैं। सबका यही कहना है कि जब एक यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल में ऐसी चीजें हो सकती हैं, तो ये कहीं भी और किसी के साथ हो सकता है। हर कोई जानना चाहता है कि इतनी बड़ी घटना कैसे हो गई? आखिर क्यों छात्रा ने अपने हॉस्टल की अन्य लड़कियों के वीडियो बनाए और उसे अपने दोस्त के पास भेजा?
इस पूरे मसले पर हमने छात्रा के मनोदशा को समझने की कोशिश की। मशहूर मनोवैज्ञानिक और बरेली कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. हेमा खन्ना से बात की। डॉ. खन्ना ने घटना के बाद से अब तक वायरल वीडियोज के जरिए आरोपी छात्रा की मनोदशा समझने की कोशिश की। उन वीडियोज को देखा, जिसमें आरोपी छात्रा वार्डन और अन्य छात्राओं को इस पूरे प्रकरण के बारे में जानकारी दे रही है। आइए समझते हैं कि अपनी इस स्टडी में डॉ. खन्ना ने क्या पाया?
खुद का और दूसरों का वीडियो क्यों बनाती थी छात्रा?
डॉ. खन्ना से हमने ये पहला सवाल किया। उन्होंने इसके तीन संभावित कारण बताए।
1. मजे के लिए बनाया, फिर दोस्त ने गड़बड़ी की हो: आरोपी छात्रा की उम्र 23 से 25 साल के बीच है। जैसा कि वीडियो में उसके हावभाव से पता चल रहा है, उससे ये कहा जा सकता है कि लड़की ने वीडियो बनाने की शुरुआत मजे के तौर पर की होगी। कई युवा खुद के और अपने दोस्तों की वीडियो बनाते हैं। कई बार नग्न अवस्था या फिर शारीरिक संबंध बनाते वक्त भी वीडियो बना लेते हैं। ऐसा करने के पीछे की मंशा गलत नहीं होती है। बस वह खुद की मस्ती और आत्म सुख के लिए ऐसा करते हैं। वह वीडियो को बाद में देखकर उसे एहसास करने की कोशिश करते हैं। ऐसा ही इस केस में भी हो सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि शुरुआत में इस लड़की ने खुद से दूसरी लड़कियों के शारीरिक बनावट की तुलना करने के लिए ये वीडियो बनाए हों। उसे अपने दोस्त को दिखाया होगा। ऐसा संभव है कि बाद में दोस्त को ये अलग-अलग लड़कियों के इस तरह के वीडियो में दिलचस्पी बढ़ गई होगी और उसके कहने पर छात्रा ने बाकी लड़कियों का वीडियो बनाना शुरू कर दिया हो। लड़की बिना सोचे-समझे इस काम को करती रही होगी और उधर उसका दोस्त इन वीडियो का गलत इस्तेमाल करने लगा हो।
2. पैसों के लिए : आमतौर पर ऐसे मामलों में जब अच्छे से जांच होती है, तो कहीं न कहीं से पैसों का मामला भी खुलकर सामने आता है। इस उम्र के लड़के-लड़कियां ज्यादातर अपने दिमाग और आसपास एक अलग तरह का माहौल क्रिएट कर लेते हैं। इस दौरान वह सबकुछ कर लेना चाहते हैं, जो उन्होंने कभी नहीं किया होता है या देखा होता है। टीवी फिल्मों या वर्चुअली दुनिया में जो कुछ युवा देखते हैं, उसे करने की कोशिश करते हैं। इसके लिए उन्हें पैसों की जरूरत होती है। इस मामले में ब्लैकमेलिंग जैसी चीज अभी तक नहीं दिख रही है। क्योंकि अभी तक आरोपियों ने किसी लड़की को ब्लैकमेल नहीं किया है।
हां, आजकल तमाम पॉर्न साइट्स ऐसे हैं, जहां लोग खुद से वीडियो डालते हैं और उसका पैसा उन्हें मिलता है। हो सकता है इस मामले में भी ऐसा ही कुछ हुआ हो। आरोपी छात्रा इसे अपने दोस्त को भेजती होगी और उसे वह उन साइट्स पर डाल देते होंगे। आरोपी छात्रा को भी वीडियो बनाने के एवज में पैसा मिलता रहा हो
3. ब्लैकमेलिंग या पुरानी रंजिश : हो सकता है कि आरोपी छात्रा की कोई आपत्तिजनक वीडियो उन लड़कों के पास हो और उसके जरिए वह दूसरों का वीडियो बनाने का दबाव बनाते रहे हों। एक आशंका ये भी है कि आरोपी छात्रा, केवल उन्हीं लड़कियों का वीडियो बनाती हो जिनसे उसकी नहीं बनती रही हो। या खटपट हो। अपनी खुन्नस निकालने के लिए लड़की ने ये तरीका निकाला हो।
कैसे वीडियो बनाती थी छात्रा?
अभी तक की जांच में जो सामने आया है, उसके अनुसार आरोपी छात्रा बाथरूम के दरवाजे के नीचे से वीडियो बनाती थी। शनिवार को आरोपी इसी तरह एक दूसरी लड़की का वीडियो बना रही थी, तब कुछ अन्य छात्राओं ने उसे पकड़ लिया। उन्होंने इसकी शिकायत वार्डन से की। दावा है कि पूछताछ में आरोपी छात्रा ने माना कि उसने कुछ वीडियो बनाकर भेजे हैं। एक वायरल वीडियो में भी वह वार्डन के सामने भी यह बात स्वीकार कर रही है। वहीं मोहाली के एसएसपी विवेकशील ने दावा किया कि छात्रा के मोबाइल से सिर्फ उसी का वीडियो मिला है। अन्य किसी छात्रा का वीडियो नहीं मिला है।
कब क्या हुआ?
शनिवार दोपहर तीन बजे: कुछ छात्राओं को वीडियो बनाने की भनक लगी
दोपहर 3:50 बजे: हॉस्टल वार्डन ने डीएसडब्ल्यू को बताया
शाम सात बजे: आरोपी से पूछताछ व पड़ताल शुरू हुई
रात 11 बजे: मामला यूनिवर्सिटी के ग्रुपों में चल पड़ा
रात 12 बजे: यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी कैंपस में जुटना शुरू हुए
रात 1:00 बजे: विद्यार्थियों ने प्रदर्शन शुरू किया
रात 2:00 बजे: सभी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे
रात 2:30 बजे: तीन छात्राओं को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल भेजा गया
रविवार सुबह चार बजे: विद्यार्थियों को मुश्किल से शांत किया गया
सुबह छह बजे: यूनिवर्सिटी के बाहर एआरपी की टीमें तैनात की गईं
सुबह नौ बजे: डीसी व एसएसपी मौके पर पहुंचे
सुबह सवा 10 बजे: महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी ने प्रेसवार्ता की
सुबह साढे़ 10 बजे: छात्राओं ने हॉस्टल के बाहर प्रदर्शन शुरू किया
10:45 बजे: एसएसपी व डीसी ने प्रेसवार्ता कर पूरे मामले की जानकारी दी
5:00 बजे: छात्र-छात्राओं ने फिर से यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन शुरू किया
रविवार देर रात तक छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन जारी रहा
सोमवार को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने वार्डन को हटा दिया और यूनिवर्सिटी छह दिन के लिए बंद कर दी।