पीएम मोदी ने पुस्तक मेले के का किया शुभारंभ, कहा- भारत का पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनना साधारण उपलब्धि नहीं

नई दिल्ली. गुजरात के अहमदाबाद में ‘नवभारत साहित्य मंदिर’ द्वारा आयोजित पुस्तक मेले के पीएम मोदी ने उद्घाटन किया है। इसके साथ ही उन्होंने इस कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इसके साथ ही नए युवा साहित्यकारों, लेखकों को भी एक मंच मिल रहा है।



अहमदाबाद में पुस्तक मेले की जो परंपरा शुरू की है ये समय के साथ और ज्यादा समृद्ध होती जा रही है जिसके जरिए गुजरात के साहित्य और ज्ञान का विस्तार हो रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारत के विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने को बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि भारत का दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनना कोई साधारण उपलब्धि नहीं है। हर भारतीय को इस पर गर्व है। वे सूरत के ओलपाड इलाके में आयोजित एक कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित कर रहे थे।

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पीएम मोदी ने कहा कि पिछले आठ साल के दौरान सरकार ने गरीबों के लिए तीन करोड़ घर बनाए हैं। इनमें 10 लाख घर अकेले गुजरात में ही बनाए गए हैं। पिछले दो दशकों में यहां मेडिकल कॉलेज की संख्या 11 से बढ़कर 31 हो चुकी है। एक एम्स अस्पताल (राजकोट में) बन रहा है। कई नए मेडिकल कॉलेज भी प्रस्तावित हैं।

उन्होंने कहा कि जब मैं गुजरात में आप सबके बीच था, तब गुजरात ने भी ‘वांचे गुजरात’ अभियान शुरू किया था। आज ‘कलम नो कार्निवल’ जैसे अभियान गुजरात के उस संकल्प को आगे बढ़ा रहे हैं। पुस्तक और ग्रंथ, ये दोनों हमारी विद्या उपासना के मूल तत्व हैं।गुजरात में पुस्तकालयों की तो बहुत पुरानी परंपरा रही है।

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उन्होंने कहा कि इस वर्ष ये पुस्तक मेला एक ऐसे समय में आयोजित हो रहा है जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। अमृत महोत्सव का एक आयाम ये भी है कि हम हमारी आजादी की लड़ाई के इतिहास को कैसे पुनर्जीवित करें।

पीएम मोदी ने कहा कि ‘कलम नो कार्निवल’ जैसे आयोजन देश के इस अभियान को गति दे सकते हैं। पुस्तक मेले में आजादी की लड़ाई से जुड़ी किताबों को विशेष महत्व दिया जा सकता है। मुझे विश्वास है ये आयोजन इस दिशा में एक सकारात्मक माध्यम साबित होगा। उन्होंने कहा कि आज इंटरनेट के जमाने में ये सोच हावी होती जा रही है कि जब जरूरत होगी तो इंटरनेट की मदद ले लेंगे।

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तकनीक हमारे लिए निःसन्देह जानकारी का एक महत्वपूर्ण जरिया है, लेकिन वो किताबों को, किताबों के अध्ययन को रिप्लेस करने का तरीका नहीं है।

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