जांजगीर-चाम्पा. सक्ती ब्लॉक के जेठा गांव में करंट की चपेट में आने से हाथी को मौत हुई थी, जिसके बाद हाथी का स्मारक स्थल बनाया गया है. यहां कई वर्षों तक मेला लगता था, उसी स्थल के पास कॉलेज के बाद कलेक्टोरेट बनाया जाएगा. अब लोगों के द्वारा धार्मिक स्थल बनाने की मांग की जा रही है.
जनपद पंचायत सक्ती के अध्यक्ष राजेश राठौर ने बताया कि जेठा गांव में कई वर्षों पहले एक मृत हाथी को दफन किया गया था और स्मारक के पास ही कॉलेज संचालित है. अब नवीन जिला सक्ती बनने के बाद उसी स्थल के पास कलेक्टोरेट परिसर बनेगा.
उन्होंने आगे कहा कि कई वर्ष पूर्व हाथी को महावत लेकर आए थे. हाथी ने खाने के लिए पेड़ की शाखा तोड़ी और उसी वक्त विद्युत करंट की चपेट में आने से हाथी की मौत हो गई थी, जिसके बाद गढ्ढा खोदकर उसे दफन किया गया था. यहा कई वर्षों तक मेला भी लगने लगा था, लेकिन किसी कारणवश इसे बंद करना पड़ा.
इस तरह उसी स्थल के आसपास कॉलेज के बाद नवीन जिला सक्ती के कलेक्टोरेट बनने पर हाथी स्मारक को धार्मिक स्थल बनाने की मांग लोगों द्वारा की जा रही है . इस जगह को लेकर लोगों की धार्मिक भावना जुड़ी हुई है.
लोगों का कहना है कि पहले शिक्षा का मंदिर के रूप में जेठा में कॉलेज शुरू हुआ था और इसी पावन धरा पर अब कलेक्टोरेट शुरू होगा. इस वजह से जेठा समेत क्षेत्र के वे लोग काफी उत्साहित हैं, जिन्हें इस पवित्र जमीं की जानकारी है.
स्मारक स्थल के पास गणेश प्रतिमा भी विराजित
स्थानीय लोगों की आस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस जगह हाथी को विधि विधान से दफनाया गया था, वहां गणेश चतुर्थी पर्व को धूमधाम से लोग मना रहे हैं और गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई है. लोगों में हाथी के स्मारक जगह को लेकर बड़ी आस्था है और उनका मानना है कि इस जगह पर भगवान गणेश साक्षात विराजते हैं. उनका यह भी कहना है कि जो भी लोग यहां मत्था टेकते हैं, उन्हें भगवान गणेश जी शुभ फलदायी आशीर्वाद देते हैं.