नई दिल्ली. भारत के सबसे बड़े वाहन चोरों में से एक अनिल चौहान को फिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिए। पुलिस बीते तीन महीने से अनिल की खोजबीन में जुटी थी और अब मध्य दिल्ली से उसे गिरफ्तार किया है। अनिल पर 5,000 से अधिक कारें चोरी करने का आरोप है। अनिल को महंगे कपड़े, सोने के कंगन के साथ अपनी शानदार जीवन शैली के लिए जाना जाता है।
25-30 सहयोगियों की मदद से करता था चोरी
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अनिल चौहान नॉर्थ-ईस्ट राज्यों से आता था और कार चोरी करके चला जाता था। अनिल चौहान 25-30 सहयोगियों की मदद से गंगटोक, असम के कुछ हिस्सों, नेपाल और अन्य स्थानों पर चोरी की कारों को सफलतापूर्वक बेच रहा है।
हालांकि उसे पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन पुलिस ने कहा कि उसको ढूंढना आसान काम नहीं था। एक रिपोर्ट के अनुसार उसके एक घर की कीमत 10 करोड़ रुपये है।
गिरफ्तारी से बचने के लिए घूमता था महंगी कारों में
इंस्पेक्टर संदीप गोदारा के नेतृत्व में एक टीम ने मध्य दिल्ली में हाई-एंड एसयूवी और सेडान की चोरी की जांच की और चौहान पर शक किया। एक अधिकारी ने कहा कि, “उसकी तलाश के लिए टीमों को असम, सिक्किम, नेपाल और एनसीआर भेजा गया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह महंगी कारों में घूमता है और एक व्यापारी या सरकारी अधिकारी के रूप में पेश आता है। वह असम सरकार के साथ काम करने वाला एक ठेकेदार था और वहां उसकी पकड़ मजबूत है”
अधिकारी ने कहा,”वह कभी नहीं रुकता। उसे कई बार गिरफ्तार किया जा चुका है लेकिन कार चोरी करने के लिए वापस चला जाता था। असम, नेपाल और गंगटोक में उनके तीन मुख्य रिसीवर हैं। वह दिल्ली, नोएडा और मेरठ से कारें चुराता है और उन्हें अपने रिसीवर के पास ले जाता है।
पुलिस से बचने के लिए एक या दो महीने में सभी कारें बिक जाती हैं। चौहान अपने ठिकानों पर वापस जाने के लिए केवल यह दिखाने के लिए उड़ान भरता है कि वह किसी अपराध में शामिल नहीं है।”
चौहान ने 1990 में शुरू की थी चोरी
श्वेता चौहान, डीसीपी (मध्य) ने कहा, “अनिल चौहान को आखिरी बार जनवरी में असम के दिसपुर में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जमानत पर छूट गया था। इस बार हम उसकी रैप शीट कोर्ट में पेश कर रहे हैं, ताकि वह जल्दी बाहर न आए।
रिकॉर्ड के अनुसार, उसने 1990 के दशक की शुरुआत में चोरी करना शुरू किया और कई मामलों में उसे गिरफ्तार किया गया और दोषी भी ठहराया गया।
अनिल ने की है तीन शादी
चौहान की तीन पत्नियां और सात बच्चे थे, जो ईडी की छापेमारी और गिरफ्तारी के बाद उसे छोड़कर चले गए थे। पुलिस ने कहा कि दो पत्नियों ने दावा किया कि उन्हें चौहान की आपराधिक गतिविधियों के बारे में पता नहीं था और उन्हें लगा कि वह एक कार डीलर है।