देश का सबसे धनी मंदिर, आईटी कंपनी और तेल कंपनियों से ज्यादा है भगवान तिरुपति की कुल संपत्ति. कई दिग्गज कंपनियों को छोड़ा पीछे. मंदिर ने घोषित की अपनी संपत्ति..

तिरुपति के विश्व प्रसिद्ध भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की कुल संपत्ति 2.5 लाख करोड़ रुपये (लगभग 30 बिलियन अमरीकी डॉलर) से अधिक घोषित की गई है. मंदिर की ये संपत्ति किसी भी आईटी सेवा फर्म विप्रो (Wipro), खाद्य और पेय कंपनी नेस्ले (Nestle)और राज्य के स्वामित्व वाली तेल दिग्गज कंपनी ओएनजीसी (ONGC)और आईओसी (IOC) के बाजार पूंजी से भी अधिक है.



 

 

 

 

 

1933 में हुई थी स्थापना
तिरुपति के पीठासीन देवता को समर्पित मंदिर के रखवाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने 1933 में अपनी स्थापना के बाद पहली बार अपनी कुल संपत्ति घोषित की है. मंदिर की संपत्ति में बैंकों में 10.25 टन सोना जमा है जिसमें 2.5 टन सोने के आभूषण हैं. मंदिर की बैंक में जमा कुल संपत्ति लगभग 16,000 करोड़ रुपये है और पूरे भारत में 960 संपत्तियां शामिल हैं. ये सभी कुल मिलाकर 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक हैं.

 

 

 

 

आंकड़ों के मुताबिक, मौजूदा कारोबारी कीमत पर तिरुपति मंदिर की कुल संपत्ति कई ब्लू-चिप भारतीय कंपनियों से ज्यादा है. शुक्रवार को कारोबार के अंत में बेंगलुरु की विप्रो का मार्केट कैप 2.14 लाख करोड़ रुपये था, जबकि अल्ट्राटेक सीमेंट का मार्केट कैप 1.99 लाख करोड़ रुपये था. राज्य के स्वामित्व वाले तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का मूल्य भी मंदिर से कम निकला. इसके अलावा बिजली की दिग्गज कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड, ऑटो निर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स, दुनिया का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक कोल इंडिया लिमिटेड आदि भी इससे पीछे हैं.

 

 

 

 

कई बड़ी कंपनियां पीछे
राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड की बाजार पूंजी इस मंदिर की संपत्ति से कम है. महिंद्र एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स और विश्व की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड, खनन कंपनी वेदांता, रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ तथा कई अन्य कंपनियां भी सूची में शामिल हैं. सिर्फ दो दर्जन कंपनियों की बाजार पूंजी मंदिर के न्यास की संपत्ति से अधिक है। इनमें रिलायंस इंड्रस्ट्रीज लिमिटेड, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस व अन्य शामिल हैं.

 

 

 

 

डिपाजिट से भी आ रहा पैसा
मंदिर के एक बताया कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) धीरे-धीरे और समृद्ध होता जा रहा है क्योंकि पहाड़ी मंदिर में भक्तों द्वारा चढ़ाए जाने वाले नकद और सोने के चढ़ावे में वृद्धि जारी है और बैंकों में जमा फिक्सड डिपाजिट से भी ब्याज आ रहा है. टीटीडी के स्वामित्व वाली संपत्ति में भूमि पार्सल, भवन, नकदी और बैंकों में सोना जमा शामिल है, जो भक्तों द्वारा मंदिर को प्रसाद के रूप में दिया जाता है.

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