जांजगीर-चाम्पा. बलौदा के किसान संजय रजक ने ग्रीन राइस, देवभोग और दुबराज धान की 5 एकड़ में जैविक खेती की है. जिले के पहले किसान हैं, जिन्होंने ग्रीन राइस की जैविक खेती की है. किसान संजय रजक के द्वारा पिछले 5 साल से ग्रीन राइस, देवभोग और दूबराज की जैविक खेती करते आ रहे हैं. किसान संजय रजक के खेतों में लगे धान की खुशबू आसपास भी मिलती है.किसान को अभी बेहतर आमदनी भी हो रही है, वहीं जैविक खेती की दिशा में दूसरे किसानों के लिए भी मिसाल बन गए हैं. स्थानीय लोग भी किसान संजय रजक के प्रयास की सराहना कर रहे हैं. किसान संजय रजक का कहना है कि जैविक होने से ग्रीन राइस के बहुत फायदे हैं और यह सुगर लेवल बढ़ता नहीं है. खुशबू, दूसरे धान से अधिक है और स्वाद भी लाजवाब है.अंधाधुन्ध रासायनिक खाद के उपयोग से खेत बंजर हो गए थे. इसके बाद किसान संजय रजक ने कुछ अलग करने का ठाना और जैविक खेती से पहले साल नुकसान भी झेला, लेकिन किसान ने हार नहीं मानी और किसान संजय रजक की मेहनत रंग लाई है. किसान के खेतों की मिट्टी पूरी तरह से अब जैविक हो गई है. किसान के द्वारा कीटनाशक दवा का भी छिड़काव नहीं किया जाता, बल्कि खुद के द्वारा गौमूत्र से निर्मित कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जाता है.किसान की कोशिश का ही नतीजा है कि 2 एकड़ में ग्रीन राइस, 2 एकड़ में देवभोग और 1 एकड़ में दूबराज धान की जैविक खेती बेहतर हो रही है और किसान को अब व्यापक लाभ भी मिल रहा है.
किसान संजय रजक का कहना है कि सरकार को जौविक खेती का पंजीयन करना चाहिए, फसल और जमीन की गुणवत्ता के आधार पर किसानों की मिट्टी का परीक्षण कर इस दिशा में पहल होना चाहिए, जो नहीं हो रहा है. जैविक पंजीयन होने से किसानों को लाभ होगा.