जांजगीर-चाम्पा. अकलतरा हॉस्पिटल के तत्कालीन बीपीएम अमित शुक्ला के द्वारा 25 से 30 लाख रुपये की गड़बड़ी करने की शिकायत हुई और कलेक्टर के निर्देश पर 5 सदस्यीय टीम ने जांच की, लेकिन 6 माह बाद भी रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया गया है. इस पर शिकायतकर्ता अविनाश सिंह ने तत्कालीन बीपीएम को बचाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि जांच में लाखों की गड़बड़ी मिली है, जिसके बाद बीपीएम को संरक्षण दिया जा रहा है. मामले में सीएमएचओ डॉ. आरके सिंह ने कहा है कि नोटिस दिया गया है, जवाब मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, अकलतरा के अविनाश सिंह ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी ली तो दस्तावेज देखने पर 25 से 30 लाख रुपये की गड़बड़ी सामने आई. इस पर अविनाश सिंह ने कलेक्टर से 12 मई 2022 को शिकायत की थी, जिसके बाद कलेक्टर ने 5 सदस्यीय टीम गठित की और 23 मई को अकलतरा अस्पताल में टीम ने पहुंचकर जांच की, लेकिन 6 महीने बाद भी रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया गया है, जिसके बाद अफसरों पर बीपीएम अमित शुक्ला को संरक्षण देने और बचाने का आरोप लग रहा है.
खास बात है कि जब जांच हुई थी तो टीम ने 7 दिनों में जांच रिपोर्ट सीएमएचओ को देने की बात कही थी. आलम यह है कि मामले में कार्रवाई नहीं होने पर बीपीएम के हौसले बढ़े हुए हैं और स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करने के बजाय उन्हें अकलतरा से हटाकर पामगढ़ में पदस्थ किया है.