दुनिया का Greatest Footballer, पिता सफाईकर्मी, चाय की दुकान में काम किया, 3 World Cup जीतने वाला इकलौता फुटबॉलर

दुनिया के महान फुटबॉलर्स में से एक पेले हमारे बीच नहीं रहे. ब्राजील के इस दिग्गज खिलाड़ी की गुरुवार को 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. उन्हें पिछले दिनों साओ पाउलो के अस्पताल में एडमिट किया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन के खबर से पूरी दुनिया के फैंस ग़मगीन हैं और उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.



A inspiração e o amor marcaram a jornada de Rei Pelé, que faleceu no dia de hoje.

Amor, amor e amor, para sempre.
.
Inspiration and love marked the journey of King Pelé, who peacefully passed away today.

Love, love and love, forever. pic.twitter.com/CP9syIdL3i

— Pelé (@Pele) December 29, 2022
पेले जैसे महान खिलाड़ी सदियों में पैदा होते हैं. शायद ही उनकी कभी भरपाई हो पाए. उन्होंने अपने देश को 3 फीफा विश्व कप जिताए. इस मामले में वो दुनिया के पहले इकलौते फुटबॉलर हैं. उनका यह रिकॉर्ड बड़े से बड़ा खिलाड़ी नहीं तोड़ पाया है. उन्हें ‘ब्लैक पर्ल’ और ‘ब्लैक डायमंड’ के नाम से भी जाना गया.

नाम के पीछे भी है दिलचस्प कहानी
पेले का का जन्म 23 अक्टूबर 1940 को ब्राजील के मिनास गेराइस में हुआ. उनके माता-पिता ने उनका नाम एडसन अरांतेस डो नैसमेंटो रखा. इसके पीछे की कहानी भी दिलचस्प है.

🇧🇷 The Story of Pelé

Dondinho & Celeste named their 1st son Edson after Thomas Edison,one of the greatest inventors in history.

His family nicknamed him ‘Dico’,but he received the moniker ‘Pele’ in school due to his mispronunciation of Brazilian goalie, Bile.#FIFAWorldCup pic.twitter.com/v2NEMOBOeA

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : बेल्हाडीह के आश्रित ग्राम कनाईडीह में जनजातीय गौरव वर्ष धरती आबा जनभागीदारी कार्यक्रम का हुआ आयोजन, मालखरौदा जनपद पंचायत अध्यक्ष कवि वर्मा, उपाध्यक्ष रितेश साहू हुए शामिल, जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में दी जा रही जानकारी

— FIFA World Cup Stats (@alimo_philip) December 29, 2022
दरअसल, जिस दिन पेले का जन्म हुआ उसी दिन उनके शहर में बिजली का बल्ब पहुंचा था. बल्ब की रोशनी को देखकर उनके पैरेंट्स इतने खुश हुए कि उनका नाम बल्ब के अविष्कारक थामस एल्वा एडसन के नाम पर एडसन रख दिया, लेकिन उनके नाम की स्पेलिंग में मिस्टेक हो गई.

पिता सफाईकर्मी, पेले चाय की दुकान में काम किया
बहरहाल, पेले को प्यार से घर वाले डिको बुलाते थे. पेले के पिता डोनडिन्हो भी एक फुटबॉलर थे. वो ब्राजील के बड़े क्लब फ्लूमिनीज के लिए खेल चुके थे, लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से उन्हें सफाई कर्मी बनना पड़ा. पेले का भी बचपन गरीबी में बीता. पैसों की वजह से उन्हें भी चाय की दुकान में काम करना पड़ा था. हालांकि बचपन से उन्हें फुटबॉल खेलना पसंद था.

पेले स्थानीय फुटबॉल क्लब के एक गोलकीपर बिले से काफी प्रभावित थे. उन्हीं की वजह से उन्हें पेले कहा जाने लगा. जब वे शानदार बचाव करते तो उनके फैंस उन्हें दूसरा बिले कहते थे. बिले कब पेले में बदल गए उन्हें शायद खुद नहीं पता चला. लेकिन किसे पता था उनका यह चहेता खिलाड़ी एक दिन दुनिया का महान फुटबॉलर बनेगा.

फुटबॉल खरीदने के पैसे नहीं थे
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, पेले गली में दोस्तों के संग फुटबॉल खेलते हुए बड़े हुए. गरीबी की वजह से उनके पास फुटबॉल खेलने के पैसे नहीं थे. जिसकी वजह से वो मोज़े में अख़बार ठूंसकर, उसे रस्सी से बांध कर नंगे पाव खेलते थे.

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : चिखली के जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर किया गया स्मरण, 'एक पेड़ मां के नाम' तहत आम पेड़ का किया गया पौधरोपण

आगे 12 साल की उम्र में अपने शहर के बाउरू के लोकल क्लब रेडियम फुटबॉल टीम का हिस्सा बने. शहर में पांच-पांच प्लेयर के बीच खेले जाने वाला एक इनडोर टूर्नामेंट हुआ. उन्हें उनकी कम उम्र की वजह से खिलाया नहीं जा रहा था. लड़ झगड़कर किसी उन्होंने उस टूर्नामेंट में खेला और सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए. यहां से वे पहली बार चर्चा में आए.

कई बड़े क्लब का ऑफर ठुकराया
1956 में महज 15 साल की उम्र में पेले ने सैंटोस क्लब के लिए खेलना शुरू कर दिया. पहले ही मैच में गोल दागकर अपनी काबलियत का लोहा मनवाया. अगले एक ही साल में वो क्लब के रेगुलर प्लेयर बन गए. 1957 में यूरोप के बड़े क्लब जिसे मैनचेस्टर यूनाइटेड और रियल मैड्रिड ने उन्हें अपने क्लब से खेलने का ऑफर दिया, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया. लीग में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद ब्राजील की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में सिलेक्ट हो गए.

तीन विश्वकप जीतने वाले वाले इकलौते फुटबॉलर
कम उम्र में ही नेशनल टीम के लिए खेलना शुरू किया. 1958 में फीफा विश्व कप का हिस्सा बने. महज 17 साल की उम्र में पेले ने अपने देश को वर्ल्ड कप जितवाया. विश्व कप में गोल स्कोर करने वाले वाले वो आज भी सबसे कम उम्र के खिलाड़ी में टॉप पर हैं. इसके बाद 1962 चिली और 1970 मेक्सिको में ब्रजील के लिए वर्ल्ड कप जीता. उन्होंने अपने करियर में चार विश्व कप खेले थे. 1966 में वो विश्व कप नहीं जीत पाए थे.

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : बेल्हाडीह के आश्रित ग्राम कनाईडीह में जनजातीय गौरव वर्ष धरती आबा जनभागीदारी कार्यक्रम का हुआ आयोजन, मालखरौदा जनपद पंचायत अध्यक्ष कवि वर्मा, उपाध्यक्ष रितेश साहू हुए शामिल, जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में दी जा रही जानकारी

🇧🇷 The one & only Pelé

⚽️ 1279 goals
🏆 3 FIFA World Cups
🏆 6 Brazilian league titles
🏆 2 Copa Libertadores
🎖️ FIFA Player of the Century
🎖️ TIME 100 Most Important People of the Century

🐐 The GOAT & Trailblazer #FIFAWorldCup|#Pele|#BRA pic.twitter.com/U13h7h5ssI

— FIFA World Cup Stats (@alimo_philip) December 29, 2022
1971 में उन्होंने इंटरनेशनल फुटबॉल से संन्यास ले लिया. ब्राजील के लिए उन्होंने 92 मैच खेले और 78 गोल किए. वहीं पेले ने अपने करियर में टोटल 1279 गोल किए थे. उन्हें प्लेयर ऑफ सेंचुरी के ख़िताब से भी नवाजा गया था.

error: Content is protected !!