जांजगीर-चाम्पा. जिले के प्रत्येक ब्लॉक में दो दो गौठान को रीपा के तहत राज्य सरकार लाखों रूपये का क्यों न ही खर्च करके आजीविका गतिविधियों से जोड़ने का योजना बना लें। किन्तु ज़ब तक गौठान के प्रति लोगों में जागरूकता नहीं आयेगी। तब तक राज्य सरकार का रीपा कार्यक्रम से सही परिणाम सामने नहीं आयेगी। इस बात को सच साबित किया है, बलौदा ब्लॉक के अंतिम पूर्वी छोर पर स्थित जाटा पंचायत का आश्रित ग्राम बहेराडीह। जहाँ की बिहान की महिलाओ ने गौठान से जुड़कर यहाँ के गौठान को न सिर्फ मॉडल गौठान का रूप दिया।
बल्कि यहाँ पर कई प्रकार की अलग-अलग आयजनक गतिविधियों को अपनाकर आमदनी लें रहीं हैं। स्थानीय जिले के सी मार्ट के अलावा कोरबा के सी मार्ट में 200 लीटर फिनाइल जय गंगा महिला स्व सहायता समूह द्वारा भेजा गया। इसी तरह यह समूह डिटर्जेन्ट पावडर और बांधा तालाब में मछली पालन का काम कर रहीं है।
इस सम्बन्ध में एडीओ अरुण यादव, पीआरपी पुष्पलता ध्रुव, एफएलसीआरपी रेवती यादव और सक्रिय महिला ललिता यादव ने बताया कि यहाँ सालभर पहले सात स्व सहायता समूह थे। किन्तु यह अब बढ़कर तेरह समूह बन गईं। जिसमें जय भुवनेश्वरी समूह गौठान में जैविक खाद, मुर्गी पालन, बकरी पालन, बतख पालन का काम कर रहीं है।
उसी तरह जय माँ शारदा समूह बहेरा तालाब में मछली पालन, हल्दी, मिर्च, मसाला, लक्ष्मी समूह कुशन निर्माण, गंगे मईय्या समूह गौठान में मशरूम उत्पादन,पोषण बाड़ी, आचार,बड़ी,पापड़,राखी, कपड़ा, किराना दुकान, जयभवानी समूह द्वारा डेयरी, आदि का काम करके आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। वहीं नारी शक्ति महिला ग्राम संगठन द्वारा पडोसी जिला कोरबा और आसपास के गावों में महिलाओ के बीच पहुंचकर सेनेटरी नेपकिन पेड को लेकर काम कर रही हैं।