नई दिल्ली. दक्षिण अफ्रीका में महिला टी20 वर्ल्ड कप का आगाज हो चुका है. ग्रुप-स्टेज में भारत का पहला मुकाबला पाकिस्तान से है. भारत 2020 में टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीतने से चूक गया था. तब फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने उसे मात दी थी. भारत के पास उस नाकामी को भुलाकर इस बार खिताब जीतने का पूरा मौका है.
हरमनप्रीत कौर की अगुआई वाली भारतीय टीम में ऑलराउंडर की भरमार है. ऐसी ही एक खिलाड़ी हैं महाराष्ट्र की देविका वैद्य, जिनकी 8 साल बाद भारतीय टी20 टीम में वापसी हुई है. देविका ने नवंबर 2014 में भारत के लिए टी20 डेब्यू किया था और 8 साल बाद पिछले साल दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू टी20 सीरीज में उनकी टीम में वापसी हुई.
देविका वैद्य ने इस दौरान अपनी निजी जिंदगी और क्रिकेट में कई उतार चढ़ाव देखे. उन्होंने अपनी मां को खोने का दर्द सहा. इस दौरान क्रिकेट से किनारा करने तक का फैसला कर लिया था. लेकिन, परिवार के सपोर्ट और काउंसिलिंग के जरिए उन्होंने खोया विश्वास हासिल किया और घरेलू क्रिकेट खेलना जारी रखा . महाराष्ट्र की तरफ से लगातार बेहतर प्रदर्शन किया. इसी वजह से 17 साल की उम्र में पहला टी20 खेलने वाली देविका की 25 बरस की उम्र में वापसी की और दूसरा टी20 खेला
8 साल बाद देविका की भारतीय टीम में वापसी
देविका को दक्षिण अफ्रीका में खेली जा रहे टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में चुना गया है और अब उनका एक ही सपना है और वो भारत के लिए वर्ल्ड कप जीतना. 25 साल की देविका ने 2017 से 2020 के बीच 3 वर्ल्ड कप देखे. लेकिन, किसी न किसी वजह से वो इन तीनों ही विश्व कप में टीम का हिस्सा नहीं बन पाईं.
2017 के महिला वनडे वर्ल्ड कप में देविका वैद्य चोट के कारण हिस्सा नहीं ले पाईं थी. 2018 के टी20 विश्व कप में वो 40 घंटे की उड़ान के बाद वेस्टइंडीज पहुंचीं थीं. लेकिन, जिस दिन वहां पहुंचीं थी, उसी दिन भारत का सेमीफाइनल मुकाबला था और भारत वो मैच हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गया था. 2020 में एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया में महिला टी20 विश्व कप खेला गया था. इस बार मलेरिया और फिर कंधे की चोट के कारण वो विश्व कप की टीम में जगह नहीं बना पाईं.
वर्ल्ड कप जीतना सपना: देविका
देविका को आज भी वो दिन याद है जब उन्हें दक्षिण अफ्रीका में खेले जा रहे महिला टी20 विश्व कप की टीम में चुना गया था. उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइंफो से बातचीत में इस अनुभव को लेकर कहा, “मैं खुश थी कि चलो कम से कम इस बार कोई बुरी खबर नहीं सुनने को मिली. मुझे इस बात को यकीन करने में काफी वक्त लगा कि मैं वर्ल्ड कप खेलने जा रही हूं. अब मेरी आखिरी सपना यही है कि मैं देश के लिए वर्ल्ड कप जीतूं.”