अमेरिकी अखबार ने भाजपा को बताया दुनिया की सर्वश्रेष्ठ विदेशी पार्टी, सीएम योगी और RSS प्रमुख का भी जिक्र, मोदी के PM बनने के बाद पार्टी को मिली नई दिशा, विस्तार से पढ़िए…

नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी देश ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है. दुनिया के कई देश नरेन्द्र मोदी के पीएम बनने के बाद इतनी उभर चुकी है, जिसकी कोई सीमा नहीं है. भाजपा का रूतवा दुनिया भर में बढ़ता ही जा रहा है. बीजेपी के बढ़ते कदम आज पूरी दुनिया देख रही है। देश की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की अमेरिकी मीडिया ने तक जमकर तारीफ की है. अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बीजेपी को दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक पार्टी बताया है. जर्नल में लिखा गया है कि 2014 और 2019 में बंपर जीत के बाद, 2024 में बीजेपी फिर से बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है. जर्नल में कहा गया है कि आने वाले समय में बीजेपी तेजी से भारत में अपना दबदबा बनाएगी.



अमेरिकन एनालिस्ट और खास कर वो लोग, जो लेफ्ट लिबरल विचारों वाले हैं नरेंद्र मोदी के भारत की ओर देखते हैं और पूछते हैं कि यह डेनमार्क की तरह क्यों नहीं है. सत्ता की आलोचना करने वाले पत्रकारों को उत्पीड़न और इससे भी खराब हालातों का सामना करना पड़ सकता है. धार्मिक अल्पसंख्यक, जो पुनरुत्थानवादी हिंदू गौरव के खिलाफ हैं, वे बताते हैं कि भाजपा धर्मांतरण विरोधी कानूनों और कभी-कभार भीड़ से हिंसा करवाने का इशारा करती है. बहुत से लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ताकत से डरते हैं, जो कि हिंदू राष्ट्रवादी संगठन है, जिसका भाजपा से संबंध है. मीड का मानना है कि भारत में कई और कहानियां भी हैं.

अमेरिका के प्रमुख शिक्षाविद् वाल्टर रसेल मीड के इस लेख में कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रीय हितों के नजरिए से, बीजेपी दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण विदेशी राजनीतिक पार्टी है। लीड का कहना है कि चूंकि, बीजेपी का राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास बहुत से विदेशियों के लिए बिल्कुल अपरिचित है, इसलिए इसे ठीक तरह से समझा नहीं गया है. उनका कहना है कि चुनावों में बीजेपी का प्रभुत्व राष्ट्रीय नवीनीकरण के सामाजिक आंदोलन की सफलता को दिखाता है.

लीड ने कहा है कि भाजपा को भारत के पूर्वोत्तर में ईसाई बहुल राज्यों में उल्लेखनीय राजनीतिक जीत मिली है. उन्होंने लिखा, ‘लगभग 20 करोड़ की आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को शिया मुसलमानों का मजबूत समर्थन प्राप्त है. आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने जातिगत भेदभाव से लड़ने के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.’

सीएम योगी और आरएसएस की तारीफ
मीड ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और RSS प्रमुख मोहन भागवत के साथ मुलाकात को भी याद किया। उन्होंने लिखा कि ऐसा लगता है कि आंदोलन एक चौराहे पर पहुंच गया है, जब मैं योगी आदित्यनाथ से मिला, वे सीएम के रूप में हिंदू भिक्षु थे। जिन्हें सबसे कट्टरपंथी आवाजों में से एक माना जाता है. योगी को 72 वर्षीय प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराधिकारी माना जाता है। इसी तरह, मोहन भागवत ने मुझसे भारत के आर्थिक विकास में तेजी लाने की आवश्यकता के बारे में बात की। उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि धार्मिक अल्पसंख्यकों को भेदभाव या नुकसान उठाना चाहिए.

हाल ही में भाजपा को भारत के नॉर्थ-ईस्ट के क्रिश्चियन स्टेट्स में चुनावी सफलताएं मिली हैं। भाजपा की सरकार वाला उत्तर प्रदेश जो कि लगभग 200 मिलियन की आबादी वाला राज्य है, वहां शिया मुस्लिमों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। RSS के कार्यकर्ताओं ने जातिगत भेदभाव से लड़ने की कोशिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. भाजपा और RSS के सीनियर नेताओं और उनके आलोचकों के साथ रहने के बाद यह कहा जा सकता है कि अमेरिकी और पश्चिमी लोगों को जटिल और प्रभावशाली आंदोलनों के साथ ज्यादा गहराई से जुड़ने की जरूरत है.

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