शिवपुराण और शिव कथाओं के लिए देश भर में मशहूर हो चुके प्रदीप मिश्रा को कौन नहीं जानता। निर्विवाद रूप से वह देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रवचन का कार्यक्रम करते है और उनके इन आयोजनों में बेतहाशा भीड़ भी उमड़ती हैं।
भक्त उन्हें एक नजर देखने के लिए आतुर रहते हैं। फिलहाल उनका प्रवचन कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के भिलाई में आयोजित हो रहा हैं, जहां हर दिन लाखो की संख्या में श्रद्धालु उनका प्रवचन सुनने पहुँच रहे है।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कई ज्वलंत मुद्दों पर भी अपने विचार सामने रखे हैं। उन्होंने समलैंगिता और आरक्षण जैसे गंभीर विषयों पर मिडिया के सवालों का जवाब दिया और बताया और अपने विचार सामने रखें। समलैंगिकता को कानूनी मान्यता के सवाल पर प्रदीप मिश्रा ने कहा की समलैंगिक विवाहों का प्रस्ताव रखा गया है वह श्रेष्ठ नहीं है। हमारे आने वाले सनातन धर्म को कहीं ना कहीं या चोट पहुंचाने वाले है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सनातनी धर्म की मूलतः होती है कि अगर आप एकांत में भी जाए और आपको किसी का भी भय ना हो तो, समझ लीजिए कि सनातन धर्म जागृत हुआ है।
इसके अलावा उन्होंने आरक्षण पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। पंडित मिश्रा आने कहा की उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि जिसको जिस चीज की जरूरत है उसको जरूरत के हिसाब से समय पर दे देना चाहिए। मूलतः आज अगर दवाई की जरूरत है और वह व्यक्ति अस्पताल में तड़प कर मर रहा हो और और उस हॉस्पिटल में बाद में दवाई मिले तो उसका क्या मतलब है। आज के हिसाब से जहां किसी को आर्थिक स्थिति की जरूरत है केवल जातिवाद से मतलब नहीं है जरूरत है तो उसको देना चाहिए तो सुख का अनुभव प्राप्त होगा।