सावन में रुद्राक्ष धारण करते समय इन बातों का रखें ध्यान, एक गलती कर सकती है महादेव को नाराज

नई दिल्ली. भगवान् शिव का सबसे प्रिय महीना सावन चल रहा है। सावन महीने में शिव जी की पूजा-अर्चना करने से हर मनोकामना पूरी होती है। इस दौरान शिव भक्त भी कई तरह के उपाय करके भोलेनाथ को प्रसन्न करने में लगे रहते हैं। इन्हीं में से एक उपाय है सावन के महीने में रुद्राक्ष धारण करना। सावन के महीने में रुद्राक्ष धारण करने का भी बहुत महत्व हैं। लेकिन इसे धारण करने से पहले कुछ नियमों का जान लेना बेहद जरूरी है।



कैसे हुआ रुद्राक्ष का निर्माण

शास्त्रों में रुद्राक्ष को पूजनीय माना जाता है। मान्यता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव के आसुंओं बना हैं। इसलिए इसे चमत्कारिक और अलौकिक माना जाता है। कहते हैं कई सालों तपस्या करने के बाद जब शिवजी ने अपनी आंखें खोली तो उनके आंखों से गिरे आंसुओ से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई।

इसे भी पढ़े -  Akaltra News : भिलाई में आयोजित पॉवर स्पोर्ट्स फेस्टिवल ऑफ छत्तीसगढ़ में लटिया गांव के वेटलिफ्टर धनंजय यादव ने जीता स्वर्ण पदक

कहते हैं कि सावन के महीने में रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति पर भगवान शिव की विशेष कृपा रहती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति रुद्राक्ष को नियमानुसार धारण कर लें वह जीवन में हर तरह के संकटों से छुटकारा पा लेता है और उसे अकाल मृत्यु का डर भी नहीं रहता।

रुद्राक्ष धारण करने के नियम

रुद्राक्ष की माला धारण के लिए सोमवार या सावन शिवरात्रि को सबसे अच्छा दिन माना गया है। ध्यान रखें की रुद्राक्ष की माला में कम से कम 27 मनके होने चाहिए। इसे धारण करने के लिए पहले लाल कपड़े पर रुद्राक्ष को रखकर मंदिर में रख दें और ऊं नम: शिवाय का जाप करें।

इसे भी पढ़े -  Sakti News : लोहराकोट गांव में महुआ शराब की अवैध बिक्री को लेकर चलाया गया जागरूकता अभियान, नशे से दूर रहने लोगों से की गई अपील, बाराद्वार थाना प्रभारी और आबकारी विभाग की टीम ने गांव में ली बैठक

– रुद्राक्ष की माला को गंगाजल से पवित्र कर लें और डुबोकर रख दें। किसी संकल्प से इसे धारण कर रहें हैं तो पहले हाथ में गंगाजल लेकर संकल्प लें। फिर गंगाजल से इसे धोकर धारण कर लें।

रुद्राक्ष को हमेशा स्नान करने के बाद धारण करना चाहिए और सोने से पहले इसे पवित्र स्थान पर उतार कर रख देना चाहिए।

– रुद्राक्ष की माला धारण करने के लिए हमेशा पीले या लाल धागे का इस्तेमाल करना चाहिए।

इसे भी पढ़े -  Akaltra News : श्री ऋषभ विद्योदय महाविद्यालय बनाहिल में मनाया गया जनजाति गौरव दिवस, बिरसा मुंडा के जीवन और आदिवासी समुदाय के प्रति उनके योगदान को किया गया याद

error: Content is protected !!