नई दिल्ली. वेस्टइंडीज वनडे विश्व कप के इतिहास में पहली बार टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं होगा, वह क्वालीफाइंग मुकाबले के सुपर सिक्स चरण में शनिवार को स्कॉटलैंड से सात विकेट की हार के साथ ही बाहर हो गई. दो बार की चैम्पियन वेस्टइंडीज इस नतीज से अपने निचले स्तर पर पहुंच गयी है. टूर्नामेंट के 48 वर्षों के इतिहास में यह पहली बार है कि 1975 और 1979 की चैम्पियन वेस्टइंडीज सीमित ओवरों के क्रिकेट में शीर्ष 10 टीमों में शामिल नहीं होगी.
स्कॉटलैंड के खिलाफ शनिवार को वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी नहीं चली। पूरी टीम 43.5 ओवर में 181 रन पर आउट हो गयी. स्कॉटलैंड ने 6.3 ओवर बाकी रहते तीन विकेट के नुकसान पर लक्ष्य हासिल कर लिया.
ऐसा पहली बार होगा जब 1975 से शुरु हुए वनडे विश्व कप में वेस्टइंडीज टीम नहीं खेलेगी. वनडे विश्व कप पांच अक्टूबर से भारत में 10 स्थलों में खेला जायेगा. यह वेस्टइंडीज के खिलाफ चार मैचों में स्कॉटलैंड की पहली जीत है. क्लाइव लॉयड की वेस्टइंडीज टीम ने विश्व कप के पहले दो चरण में ट्राफी जीती थी और 1983 का फाइनल खेला था जिसमें भारत ने उसे शिकस्त दी थी. लक्ष्य का पीछा करते हुए मैट क्रास (107 गेंद में नाबाद 74) और ब्रेंडन मैकमुलेन (106 गेंद में 69 रन) ने दूसरे विकेट के लिए 125 रन की साझेदारी कर टीम की जीत की नींव रखी.
अब दो और मैच ही बचे हैं और अगर वेस्टइंडीज जीत भी जाती है तब भी वह चार अंक तक ही पहुंच पायेगी जबकि श्रीलंका और जिम्बाब्वे के तीन मैचों में छह छह अंक हैं. स्कॉटलैंड के इस जीत से चार अंक हैं और वह उम्मीद करेगी कि कोई उलटफेर उन्हें टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करवा दे. पिछले दो दशक से वेस्टइंडीज के क्रिकेट में गिरावट आ रही थी. उन्होंने 2012 और 2016 में दो टी20 विश्व कप जीते थे लेकिन टेस्ट और वनडे में उनका प्रदर्शन गिरता ही जा रहा था.
विडंबना यह है कि वेस्टइंडीज को 2019 विश्व कप से पहले भी क्वालीफायर खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा था, लेकिन अंत में वह खुद को शर्मिंदगी से बचाने में सफल रहा और उसने अफगानिस्तान के साथ शीर्ष दो में रहकर क्वालीफाई किया. वेस्टइंडीज को इससे पहले ग्रुप चरण में सुपर ओवर तक चले मुकाबले में नीदरलैंड ने हराया था. टीम को इसके बाद जिम्बाब्वे के खिलाफ भी शिकस्त मिली थी.
लेकिन जिस क्रिकेट टीम में निकोलस पूरन, काइल मायर्स, अल्जारी जोसफ, रोमारियो शेपर्ड, अकील हुसैन जैसे खिलाड़ी हों जो इंडियन प्रीमियर लीग के इस चरण में खेले थे तो यह निश्चित रूप से निचला स्तर है. जिम्बाब्वे और नीदरलैंड के सुपर सिक्स में क्वालीफाई करने के कारण वेस्टइंडीज की टीम इस चरण में बिना किसी अंक और खराब नेट रन रेट के साथ पहुंची थी.