ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल, बनारी, जाँजगीर में संस्था के डायरेक्टर आलोक अग्रवाल एवं प्राचार्य श्रीमती सोनाली सिंह के निर्देशन में पूर्व विश्व आदिवासी दिवस बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। इस उपलक्ष्य में स्कूली बच्चों द्वारा कला एकीकरण विषय पर रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, जिसमें संस्था के सभी बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम को चार भागों में विभाजित किया गया था। अभय (पीला), अजय (हरा), आदित्य (लाल) एवं अनंत (नीला) इन चारों हाऊस के बच्चों द्वारा कला एकीकरण को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ एवं केरल आदिवासीयों के परिधान में सुसज्जित होकर आदिवासी संगीत की धुन में मनमोहक रैम्प वॉक किया गया।
मुख्य रूप से अभय हाउस में ओजस्वी साहू, रियान कसेर, श्रद्धा सिंह, दिव्यांश पटेल, अनन्या श्रीवास्तव, सौम्या साहू, मयंक साहू, अर्पित राज मिरे अजय हाउस से अनोखी दुबे, अदिती मिश्रा, विराज, यश पटेल, आशी अग्रवाल, प्रखर, समृद्धि, अदिती रूपवानी आदित्य हाउस से आहना सिंह, अंशिका अग्रवाल, सौम्या बंजारे, आरव द्विवेदी, व्राम्ही साहू, मुस्कान राठौर, प्रथम राठौर, ईशु बंसल अनंत हाउस से अदिती राठौर, तृषा, आद्या द्विवेदी, गर्वित मिश्रा, ग्लोरिया हन्ना विजय, आर्ची धानुका, अवनिजा सिंह, आलोक पाटले प्रतिभागी रहे। सभी प्रतिभागियों का प्रदर्शन सराहनीय रहा। कार्यक्रम के चयन समिति द्वारा प्रतिभागियों से सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे गए।
कार्यक्रम के संचालन में प्रियंका शर्मा एवं चयन समिति में शिक्षिका नीलम सिंह, नेहा अग्रवाल, मिनीमोल थॉमस रहीं। संस्था के शिक्षक शिक्षिकाओं द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के महत्व को बताते हुए कहा गया कि विश्व आदिवासी दिवस, आदिवासियों के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को मनाया जाता है इसे पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसंबर 1994 में प्राथमिक बैठक के दिन घोषित किया गया था।
1982 में मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण पर संयुक्त राष्ट्र के कार्यकारी दल की आदिवासी आबादी पर पहली बैठक की गयी। भारत में यह दिन बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, रास्तों पर रैलियां निकाली जाती हैं तथा मंच पर रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। उपरोक्त संदेश के द्वारा कार्यक्रम का समापन किया गया।