जांजगीर-चाम्पा. अकलतरा क्षेत्र के कोटमीसोनार गांव से बड़ा मामला सामने आया है. गांव के रेलवे ट्रैक पर मगरमच्छ ट्रेन की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई है. ट्रेन की चपेट में आने से मगरमच्छ के 2 टुकड़े हो गए हैं. घटना के बाद वन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है.
ग्रामीणों की माने तो गोंड़पारा में चिरबोर तालाब है, जिसमें भी मगरमच्छ होने की संभावना है. इसी तालाब से मगरमच्छ का बच्चा रेलवे ट्रैक की ओर चला गया था और ट्रेन की चपेट में आ गया है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव के अन्य तालाबो में भी मगरमच्छ के बच्चे मौजूद हैं और तालाब से निकलकर खेत, सड़क की ओर निकल पड़ते हैं.
इससे मगरमच्छ हादसे का शिकार हो रहे हैं. इस पर वन विभाग के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अब देखना होगा कि विभाग द्वारा मगरमच्छ के बच्चों की सुरक्षा हेतु क्या प्रयास किए जाते हैं ? अहम बात यह है कि पहले भी ट्रेन के कटने से मगरमच्छ की मौत हो चुकी है.
आपको बता दें कि कोटमीसोनार गांव में प्रदेश का सबसे बड़ा क्रोकोडायल पार्क है, जहां बड़ी संख्या में मगरमच्छ है. यहां देश भर से पर्यटक आते हैं. गांव के कुछ तालाबों में अब भी मगरमच्छ है, जो बांध से पहुंचते हैं, लेकिन इन मगरमच्छों को रेस्क्यू कर क्रोकोडायल पार्क में शिफ्ट करने की फुर्सत अफसरों को नहीं है. यही लापरवाही की वजह से मगरमच्छों की जान जा रही है.