रायपुर: इन दिनों सावन का महीना चल रहा है। हिंदू धर्म में सावन के महीने को बेहद पवित्र माना जाता है और इसे भगवान भोलेनाथ का महीना भी कहा जाता है। कुछ लोग भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि सावन महीने में भगवान शंकर की उपासना करने से हर मुरादें पूरी हो जाती है। लेकिन कहा ऐसा भी जाता है कि सावन के महीने में नॉनवेज नहीं खाना चाहिए साथ ही इस महीने में शराब या मदिरा का पान नहीं करना चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि विज्ञान भी सावन के महीने में शराब और मीट का सेवन नहीं करने की सलाह देता है? तो चलिए जानते हैं कि क्यों सावन के महीने में मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए?
प्रजनन का समय
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सावन को प्रजनन यानी ब्रीडिंग का महीना भी माना जाता है। यानी इस महीने में अधिकतर जीव ब्रीडिंग करते हैं। ऐसे में अगर हम अनजाने में किसी ऐसे जीव का सेवन कर लेते हैं, जो प्रेग्नेंट है तो इससे हमारे शरीर को कई गंभीर नुकसान पहुंच सकते हैं। साइंस के मुताबिक, किसी प्रेग्नेंट जीव का मांस खाने से बॉडी में हार्मोनल डिस्टरबेंस हो जाता है, जो आगे चलकर कई छोटी और बड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है।
संक्रमण का खतरा ज्यादा
इस मौसम में संक्रमण भी अधिक तेजी से फैलता है, बारिश और उमस के चलते हवा में बैक्टीरिया अधिक पाए जाते हैं। वहीं, साइंस की मानें तो संक्रामक बीमारियां सबसे पहले जीवों को अपना शिकार बनाती हैं, ऐसे में सावन में नॉनवेज खाने से ये आपको भी अपनी चपेट में ले सकती हैं। इसलिए भी इस मौसम में नॉनवेज ना खाने की सलाह दी जाती है।
आयुर्वेद शास्त्र में भी है मनाही
आयुर्वेद के मुताबिक भी सावन में शराब और मीट छोड़ देनी चाहिए। इसके पीछे तर्क है कि इस पूरे महीने बार-बार मौसम में बदलाव के चलते शरीर की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, ऐसे में नॉनवेट और मसालेदार भोजन बीमारियों का कारण बन सकता है।