मालकिन को बचाने के लिए कुत्ते ने दी जान, कोर्ट में तोते की गवाही से खुला कातिल का राज. पढ़िए..

अक्सर कहा जाता है कि जानवर आदमी से ज्यादा वफादर होता है. वहीं जब बात कुत्ते की वफादारी की हो तो फिर कहना ही क्या. क्राइम सीरीज में आज ऐसे ही एक कुत्ते की कहानी बताएंगे, जिसने अपनी मालकिन को बचाने के लिए जान की बाजी लगा दी.



 

 

 

साथ ही उस तोते की कहानी भी बताएंगे, जिसकी गवाही पर ना केवल एक ब्लाइंड मर्डर केस के हत्यारा पकड़े गए, बल्कि उन्हें आजीवन कारावास की सजा भी हुई.

 

 

 

यह सच्ची कहानी है उत्तर प्रदेश का आगरा शहर की. इस वारदात में दो लोगों ने आगरा के बालकेश्वर कॉलोनी में एक वरिष्ठ पत्रकार विजय शर्मा की पत्नी नीलम की हत्या कर दी गई थी.

 

 

दरअसल पत्रकार विजय शर्मा के एक रिश्तेदार फिरोजाबाद में रहते हैं. उन्हीं के घर में शादी का मौका था. इसमें विजय शर्मा को परिवार के साथ जाना था. 20 फरवरी की दोपहर विजय शर्मा ऑफिस से मीटिंग कर घर लौटे और पत्नी बच्चों को तैयार होने को कहा. लेकिन उनकी पत्नी ने कहा कि उनका मन नहीं है, इसलिए वह बच्चों को लेकर चले जाएं. फिर शाम को विजय शर्मा अपने बच्चों को लेकर फिरोजाबाद रवाना हो जाते हैं. शादी अटेंड कर देर रात वापस लौटे तो उनके घर की हालत एक दम बदली हुई थी. पूरा घर खून से सना मिला, वहीं कमरे में उनकी पत्नी का खून से लथपथ शव पड़ा था. जबकि थोड़ी दूरी पर उनका कुत्ता भी मरा पड़ा था. उसे भी चाकू जैसे किसी धारदार हथियार से गोद कर मारा गया था.

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : कर्रापाली के आश्रित ग्राम दारीमुड़ा में जनजातीय गौरव वर्ष धरती आबा जनभागीदारी अभियान शिविर कार्यक्रम का आयोजित, मालखरौदा जनपद पंचायत अध्यक्ष कवि वर्मा हुए शामिल

 

 

 

 

कप्तान को आ गए थे पसीने
घटना की जानकारी पुलिस को दी गई. उस समय आगरा में एसएसपी शलभ माथुर हुआ करते थे. महकमे में माना जाता है कि वह बड़े तेज तर्रार अफसर हैं. लेकिन इस घटना ने उन्हें भी सर्दियों के मौसम में पसीने पसीने कर दिया था. ऐसा हो भी क्यों नहीं,

 

 

 

 

दरअसल इस घटना का पुलिस के पास न तो कोई सबूत था और ना ही कोई गवाह. खैर मामले की जांच करनी ही थी, इसलिए पुलिस ने भी विजय शर्मा के घर को सील कर दिया और उनकी पत्नी और कुत्ते का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में पता चला कि विजय शर्मा की पत्नी को 14 बार चाकू मारा गया था, जबकि कुत्ते के शरीर पर चाकू के नौ घाव मिले.

 

 

 

हत्यारों से लड़ते हुए कुत्ते ने दी जान
पता चला कि कुत्ते ने अपनी मालकिन को बचाने के लिए अंतिम सांस तक हत्यारों से जंग लड़ी थी. इसलिए उसके जबड़े और नाखूनों में हत्यारों  के चमड़े के अंश भी मिले थे. वारदात के 10 दिन हो चुके थे, लेकिन पुलिस अब भी खाली हाथ थी. पुलिस के सामने बड़ी चुनौती थी कि इस वारदात को कैसे खोला जाए.

 

 

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : आमनदुला गांव के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में विकासखंड स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव आयोजित, उत्कृष्ट छात्र-छात्राओं को चांदी के सिक्के से किया गया सम्मानित, तिलक एवं मिठाई खिलाकर शाला में कराया गया प्रवेश, 25 छात्राओं को सायकल का किया गया वितरण

 

 

एसएसपी ऑफिस में आईपीएस शलभ माथुर ने जिले के तेज तर्रार इंस्पेक्टरों को बुलाया और करीब एक घंटे तक एक एक प्वाइंट पर चर्चा की. इसमें यह तो साफ हो गया कि भले ही घर में लूट हुई है, लेकिन यह वारदात लूट के लिए नहीं, बल्कि किसी  दुश्मनी के चलते हुई है और हत्यारा कोई पहचान का ही है.

 

 

 

इंस्पेक्टर अभी सोच ही रहे थे कि एसएसपी ने उन्हें भी गाड़ी में आकर बैठने को कहा और घटना स्थल पर पहुंच गए. फिर सीधे तोते के पास जाकर बोले कि मालकिन को किसने मारा. तोते ने जवाब दिया कि उसने मारा. यह सुनते ही आईपीएस शलभ माथुर की आंखों में चमक आ गई. उन्होंने तुरंत विजय शर्मा के घर के सभी लोगों और उनके घर में अक्सर आने जाने वालों को तलब किया और बारी बारी से सभी को तोते के सामने पेश किया. इस दौरान जैसे ही विजय शर्मा का भांजा आशु उर्फ आशुतोष गोस्वामी सामने आया, तोता बोल पड़ा कि उसने मारा, उसने मारा.

 

 

गवाही के बाद तोते की भी हो गई थी मौत
फिर पुलिस ने आशु को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो वारदात को कबूल लिया. बताया कि अपने रानू मैसी के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया है. उसने बताया कि जब वह मामी पर हमले कर रहा था तो उनके कुत्ते टौफी ने मालकिन को बचाने के लिए उनके ऊपर हमला कर दिया. ऐसे में कुत्ते की भी हत्या करनी पड़ी.

इसे भी पढ़े -  Dabhara News : सांस्कृतिक भवन में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, एसडीएम, नगर पंचायत अध्यक्ष, सीईओ, सीएमओ और बीईओ सहित अन्य लोग रहे मौजूद

 

 

 

यह कहानी केवल इतनी ही नहीं. आगे मामला कोर्ट में चला. पुलिस ने चार्जशीट में तोते को भी गवाह बनाया था.
भले ही तोते की गवाही को कोर्ट की कार्यवाही में लेखवद्ध नहीं किया गया, लेकिन कोर्ट में तोते को पेश किया गया और उसने जज के सामने आरोपी की पहचान भी की. इसके दो दिन बाद ही तोते की मौत हो गई. पता चला कि मालकिन की हत्या के बाद से ही तोते ने खाना पीना छोड़ दिया था. इस मामले में नौ साल तक चली सुनवाई के बाद इसी साल 23 मार्च को आगरा के विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र मोहम्मद राशिद ने दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ 72 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

error: Content is protected !!