ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल, बनारी, जाँजगीर में संस्था के संचालक आलोक अग्रवाल एवं प्राचार्य श्रीमती सोनाली सिंह के निर्देशन में शिक्षक दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में आर.सी. मिश्रा सेवानिवृत्त प्राचार्य राजेन्द्र कुमार सिंह उ.म.वि. अकलतरा, डी.पी. साव सेवानिवृत्त प्राचार्य शा.उ.मा. वि. जाँजगीर, के.डी. वैष्णव सेवानिवृत्त प्राचार्य राजेन्द्र कुमार सिंह उ.म.वि. अकलतरा एवं रेव्ह थियोडोर एन बर्डे सेवानिवृत्त प्राचार्या शा.म.सं.मा.वि. धौराभाठा, बिलासपुर, विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती बबीता धानुका एवं श्रीमती प्रणिता अग्रवाल उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरूवात सर्वपल्ली श्री राधाकृष्णनन के तैल्य चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। संस्था के विद्यार्थियों ने समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं मंचस्थ उपस्थित अतिथियों का जोरदार स्वागत किया। कार्यक्रम के शुरूवात में संस्था की प्राचार्या श्रीमती सोनाली सिंह द्वारा स्वागत भाषण प्रस्तुत कर शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई दी। तत्पश्चात् मुख्य अतिथि श्रीमती रेव्ह थियोडोर एन बर्डे ने शिक्षक को परिभाषित करते हुए कहा एक शिक्षक में विचारशील, उर्जावान, रचनात्मक, ईमानदार, शिक्षाविद, विश्वनीयता इन गुणों का होना आवश्यक है। तत्पश्चात श्री के डी वैष्णव सर ने अपनी बात को कबीर दास जी के दोहो के माध्यम से व्यक्त करते हुए कहा की।
सब धरती कागज करूँ, लिखनी सब बनराय।
सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाय॥
गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वररू।
गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमरू।।
दोनों दोहो का अर्थ बताते हुए सरगर्भित विचार रखें. उन्होंने आगे कहा कि शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ साथ उसके चरित्र के निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। कहा जाता है कि इंसान की सबसे पहली गुरु उसकी माँ होती है, इसके बाद शिक्षकों का स्थान होता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करना बहुत ही विशाल और कठिन कार्य है। व्यक्ति को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उसके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करना उसी प्रकार का कार्य है, जैसे कोई कुम्हार मिट्टी से बर्तन बनाने का कार्य करता है। इसी प्रकार शिक्षक अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उसके व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं। केडी वैष्णव ने ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल बनारी जॉंजगीर के समस्त स्टाफ की प्रशंसा की और स्कूल के कुशल संचालन हेतु साधुवाद प्रदान किया तथा कहा कि यह स्कूल अपनी उच्चतम इकाइयों को छुये तथा इस स्कूल से निकले हुये छात्र छात्रायें देश में अपना एक मुकाम हासिल करें। प्रति वर्ष एक गरीब बच्चे को गोद लेने और स्कूल शिक्षा प्रदान करने के महत्व को प्रतिपादित किया साथ ही स्कूल के संचालक को बधाई देते हुए कहा कि इस स्कूल में मैंने देखा यहॉं पर गरीब बच्चों की शिक्षा में आप सहायक है और आप लोग गोद लेकर अध्ययन कार्य करवा रहे है, इस हेतु साधुवाद प्रदान किया। तत्पश्चात् डीपी साव सर ने बताया कि ये मेरा परम सौभाग्य है कि आज शिक्षक दिवस जिनके नाम पर मनाया जाता है वह है भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति डॉं सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी जिन्होंने अपने जन्मदिवस को ही समस्त शिक्षकों को समर्पित कर दिया और आज पूरा विश्व उनके जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाता है. डीपी साव ने कहा कि उन्हीं के हाथों से मुझे गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया था और अपनी स्मृति साझा की तथा संस्था के संचालक आलोक अग्रवाल और प्रिंसिपल श्रीमती सोनाली सिंह को स्कूल के कुशल संचालन के लिये पुष्प गुच्छ भेंट देकर सम्मानित किया और साधुवाद प्रदान किया। आगे श्री आरसी मिश्रा ने संस्था को संबोधित करते हुए कहा कि इस संस्था के संचालक आलोक अग्रवाल और स्कूल के शिक्षक सुनील गुप्ता को भी उन्होंने पढ़ाया है। इस कार्यक्रम में नर्सरी के कुशल संचालक व देख-रेख के लिए श्रीमती लक्ष्मी राठौर और कु. सुमन दुबे को प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया। तथा सुनील गुप्ता सर को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के रूप में सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं को उपहार देकर शिक्षक दिवस की बधाई दी। कार्यक्रम के संचालन में संस्था के समस्त सदस्यों का विशेष योगदान रहा।