कैथल के कलायत की रहने वाली मेजर पायल छाबड़ा सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा में सर्जन हैं. वह देश के दुर्गम इलाके केंद्र शासित लद्दाख के लेह स्थित आर्मी हॉस्पिटल में बतौर विशेषज्ञ सर्जन अपनी सेवाएं दे रही हैं. इससे पहले वह दुनिया के दूसरे सबसे ऊंचे खरदूंगला मोटर बाईपास स्थित आर्मी हॉस्पिटल में भी सेवाएं दे चुकी हैं.
मेजर पायल छाबड़ा ने अब ट्रेनिंग पूरी करके पैरा कमांडो बन गई हैं. सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में डॉक्टर के पद पर रहते हुए पैरा कमांडो परीक्षा पास करने वाली देश पहली महिला बन गई हैं. पायल ने परीक्षा पास करने के बाद बताया कि उनके लिए यह सफर आसान नहीं था.
पायल छाबड़ा के अनुसार उन्हें अपने साथियों के साथ हर दिन सुबह तीन से चार बजे के बीच ट्रेनिंग शुरू हो जाती थी. अक्सर ही 20 से 25 किलो वजन के पिट्ठू के साथ 40 किलोमीटर दौड़ना होता था. साथ में कई और भी बेहद कठिन टास्क पूरे करने होते थे.
मेजर पायल छाबड़ा को आर्मी अस्पताल अंबाला कैंट में 13 जनवरी 2021 को कैप्टन के तौर पर पहली नियुक्ति मिली थी. पायल के बड़े भाई संजीव और भाभी डॉ. सलोनी छाबड़ा के अनुसार उन्हें देश-विदेश के कई मशहूर मल्टी स्पेशिलिटी हॉस्पिटल आकर्षक सैलरी पैकेज की जॉब ऑफर कर चुके हैं.
पायल एमबीबीएस और एमएस की डिग्री हासिल करने के बाद करनाल स्थित राजकीय कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग में सीनियर रेजिडेंट भी रह चुकी हैं. पायल को देश सेवा का ऐसा जुनून है कि मशहूर प्राइवेट अस्पतालों के आकर्षक सैलरी पैकेज का उन पर कोई असर नहीं हुआ.