नई दिल्ली. फिल्म इंडस्ट्री में बहुत कम ही ऐसे स्टार्स हैं जिन्हें स्टारडम पाने के लिए कड़ा संघर्ष नहीं करना पड़ा. किस्मत उन्हें फिल्मी दुनिया में ले आई और अपने करियर में सफलता के अलग मुकाम तक पहुंचने में उन्हें कभी कोई संघर्ष नहीं करना पड़ा. 70 के दशक की एक टॉप एक्ट्रेस भी ऐसी ही हैं जिन्होंने करियर की शुरुआत से लेकर अब तक कभी स्ट्रगल नहीं किया.
हम जिस एक्टर की बात कर रहे हैं वो कोई और नहीं बल्कि हिंदी सिनेमा जगत की टॉप एक्ट्रेस वहीदा रहमान हैं. बहुत छोटी सी उम्र से ही उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था. महज 13 साल की उम्र में ही उनके पिता का निधन हो गया था और घर की जिम्मेदारियों की वजह से उन्हें डॉक्टर बनने का सपना छोड़कर एक्टर बनने की राह पर चलना पड़ा था.
करियर की शुरुआत एक्ट्रेस ने तेलुगू फिल्मों से की थी. वहीं एक तेलुगु फिल्म के प्रीमियर पर गुरु दत्त ने वहीदा रहमान को देखा और मुंबई बुलाया लिया. जहां उन्होंने पहली हिंदी फिल्म CID में काम करने का मौका मिला. एक्ट्रेस के लिए सबसे बड़ी और अहम चीज ये थी कि करियर की पहली ही फिल्म में उन्हें उस दौर के सुपरस्टार देवानंद के साथ काम करने का चांस मिला था. उनकी ये फिल्म हिट साबित हुई थी. और उनका करियर भी पहली फिल्म से ही चमक उठा था.
करियर की शुरुआत से लेकर अब तक वहीदा रहमान का स्टारडम बरकरार है. उन्होंने जिस फिल्म में काम किया वह हिट हुई. उनके हर किरदार को फैंस ने खूब पसंद किया और प्यार दिया. खुद एक्ट्रेस ने इस बात का खुलासा हाल ही में जब उन्हें दादा फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया तो इस मौके पर बताया कि उन्हें करियर की शुरुआत से लेकर अब तक कभी संघर्ष नहीं करना पड़ा. ईश्वर की कृपा से सब कुछ अपने आप होता चला गया.
60 साल से इंडस्ट्री पर राज कर रही वहीदा ने अपने करियर में ‘गाइड’, ‘प्यासा’, ‘साहब बीबी और गुलाम’, ‘दिल्ली-6’, ‘कागज के फूल’ और ‘नील कमल’ जैसी कई फिल्मों में काम किया. लेकिन साल 1968 में आई नील कमल ने एक खास रिकॉर्ड कायम किया था. ये उस साल रिलीज हुई फिल्मों में तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म साबित हुई थी.