नई दिल्ली. ‘पोछ ले आंसू और दुख को अपना ले… तकदीर तेरे कदमों में होगी और तो मुकद्दर का बादशाह होगा’. 70 के दशक की फिल्म का ये डायलॉग शायद ही आप भूल पाए होंगे. प्रकाश मेहरा ने यूं तो अपने करियर में एक के बाद एक कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बचपन में जब वो फिल्म ‘देवदास’ देख रहे थे, तभी उन्होंने ये फैसला कर लिया था कि वो ऐसी ही एक फिल्म बनाएंगे, लेकिन फिल्म का हीरो, गाने सब अलग होंगे. 23 साल बाद उन्होंने अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, रेखा, राखी और अमजद खान की बेमिसाल अदाकारी के साथ फिल्म बनाई, जो 70 के दशक की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनीं.
‘रोते हुए आते हैं सब, हंसता हुआ जो जाएगा’, ‘सलाम-ए-इश्क मेरी जान जरा कुबूल कर लो’, ‘ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना’… 70 के दशक के वो गाने हैं, जिनको आज भी लोग सुकून में बैठकर सुनना पसंद करते हैं. 45 साल पुरानी इस फिल्म का नाम है ‘मुकद्दर का सिकंदर’. अमिताभ बच्चन की इस सुपरहिट फिल्म के पीछे भी उसी ‘देवदास’ का हाथ है, जिसने कुंदनलाल सहगल और दिलीप कुमार से लेकर शाहरुख खान तक को बड़ी कामयाबी दी.
प्रकाश मेहरा के साथ अमिताभ बच्चन की 5वीं फिल्म थी . फिल्म में विनोद खन्ना, राखी, रेखा, अमजद खान , कादर खान, रंजीत और निरूपा राय भी मुख्य भूमिका में नजर आए. ‘मुकद्दर का सिकंदर’ साल 1978 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म थीं. यह ‘शोले’ और ‘बॉबी’ के बाद दशक की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म भी थी.
फिल्म में प्रकाश मेहरा ने ‘देवदास’ को अपने मुताबिक पर्दे पर प्रस्तुत किया था. ‘मुकद्दर का सिकंदर’ एक गहन प्रेम गाथा है, जहां इसका हर प्रमुख पात्र किसी ऐसे व्यक्ति के प्यार में पागल है जो उससे प्यार नहीं करता है. अमिताभ बच्चन को राखी से प्यार है, जबकि राखी को विनोद खन्ना से प्यार है. अमजद खान को रेखा से प्यार है जबकि रेखा को अमिताभ से प्यार है.
‘देवदास’ की तरह ही इस फिल्म का नायक भी अकेले पड़ा रहने वाला शख्स है, मगर वह कठिनाई सामने आने पर उसका डटकर मुकाबला करने का हौसला रखता है. फिल्म के नायक को जिस गंभीरता की दरकार थी, अमिताभ ने उसे अपनी अदायगी से बखूबी पर्दे पर शानदार तरीके से उतारा. फिल्म में जोहरा बाई नाम की वेश्या भी है, जिसे आप देवदास की ‘चंद्रमुखी’ समझ थे.
इस फिल्म के लिए प्रकाश मेहरा अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना को साथ में कास्ट करना चाहते थे. बात बन भी गई थी, लेकिन विनोद खन्ना ने एक शर्त रख दी थी. उन्होंने कहा था कि वह तभी इस फिल्म में काम करेंगे, जब फिल्म के लिए उन्हें अमिताभ बच्चन के बराबर फीस मिलेगी. विनोद खन्ना की इस शर्त को प्रकाश मेहरा को भी मानना पड़ा और फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई.
इस फिल्म का बजट रखा गया था 1 करोड़ 40 लाख रुपये. भारत में उस फिल्म ने 8 लाख रुपये के तगड़ी कमाई की थी और वर्ल्डवाइड फिल्म का कलेक्शन 26 करोड़ रहा था. फिल्म की बंपर कमाई ने मेकर्स को मालामाल कर दिया था.