Reserve Bank of India: रिजर्व बैंक की तरफ से नियामक अनुपालन में खामियों के कारण समय-समय पर बैंकों पर पेनाल्टी लगाई जाती है. पिछले दिनों पब्लिक सेक्टर के सबसे बड़े एसबीआई (SBI) और इंडियन बैंक (Indian Bank) पर करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाने के बाद आरबीआई (RBI) ने तीन सहकारी बैंकों पर फाइन लगाया है. इस बार आरबीआई ने सारस्वत सहकारी बैंक लिमिटेड (Saraswat Co-operative Bank Limited), बेसिन कैथोलिक सहकारी बैंक लिमिटेड (Bassein Catholic Co-operative Bank Ltd) और राजकोट नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड (Rajkot Nagarik Sahakari Bank Ltd.) पर जुर्माना लगाया है.
सारस्वत सहकारी बैंक पर 23 लाख का जुर्माना
रिजर्व बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधानों और आरबीआई की तरफ से जारी निर्देशों का उल्लंघन करने पर सारस्वत सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई पर 23 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया. आरबीआई की तरफ से बताया गया कि सारस्वत सहकारी बैंक ने बीआर अधिनियम के प्रावधानों और इसके तहत जारी आरबीआई के निर्देशों का उल्लंघन किया. जब लोन लेने वाली कंपनी को स्वीकृत क्रेडिट सुविधा को रिन्यू किया गया, बैंक का एक निदेशक लोन लेने वाली कंपनी में स्वतंत्र निदेशक का पद संभाल रहा था.
इन दो बैंकों पर भी लगा जुर्माना
इसके अलावा महाराष्ट्र के वसई स्थिति बेसिन कैथोलिक को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर सेक्शन 20 के प्रावधानों के उल्लंघन पर 25 लाख रुपये की मॉनिटरी पेनाल्टी लगाई गई है. बेसिन कैथोलिक सहकारी बैंक अपने एक निदेशक / उसकी स्वामित्व वाली फर्म को कई अनसिक्योरड लोन देने का दोषी पाया गया. रिजर्व बैंक ने ‘जमा पर ब्याज दर’ पर आरबीआई की तरफ से जारी निर्देशों का अनुपालन नहीं करने पर राजकोट नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, राजकोट पर 13 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है.
एसबीआई पर लगाया था जुर्माना
आरबीआई की तरफ से कहा गया कि राजकोट नागरिक सहकारी बैंक रविवार / छुट्टी या गैर-व्यावसायिक कार्य दिवस पर मैच्योर होने वाली एफडी पर पुनर्भुगतान के समय ब्याज का भुगतान नहीं कर पाया. कुछ दिन पहले ही आरबीआई ने एसबीआई (SBI), इंडियन बैंक (Indian Bank) समेत पब्लिक सेक्टर के तीन बैंकों पर जुर्माना लगाया है. आरबीआई ने बताया कि एसबीआई पर 1.3 करोड़, इंडियन बैंक (Indian Bank) पर 1.62 करोड़ और पंजाब एंड सिंध बैंक (Punjab & Sindh Bank) पर एक करोड़ का जुर्माना लगाया है.
आपको बता दें केंद्रीय बैंक की तरफ से समय-समय पर बैंकों पर नियामकीय अनुपालन में खामी होने पर जुर्माना लगाया जाता है. लेकिन इसका किसी प्रकार का असर बैंक के खाताधारकों पर नहीं पड़ता. बैंक की तरफ से खाताधारकों के नगदी निकासी या जमा करने पर किसी तरह की कोई रोक नहीं लगाई जाती.