जीवन में प्रेम और सौंदर्य को महसूस करना है तो प्रकृति के साथ इस तरह का प्रेम कीजिए, जैसा बिहार के किशनगंज के रहने वाले शंकर दत्ता ने किया. शंकर दत्ता बैंक की नौकरी से रिटायर होने के बाद अपने घर किशनगंज में जब स्थाई रूप से रहने लगे, तो आंगन छोटा पड़ने लगा तो 10 स्क्वायर फीट छत पर पर ही गमले में 250 से ज्यादा फल फूल लगा दिए. वह वह भी बिल्कुल और प्राकृतिक तरीके से उनके छोटे से छत पर 200 से ज्यादा फूल की पौधे खिल रहे हैं. वही 50 से ज्यादा फल के भी पौधे हैं. फल भी फल रहा है. अब घर की छत किसी नर्सरी से कम नहीं है.
शंकर दत्ता ने बताया कि हम प्रकृति प्रेमी हैं. हमें बचपन से पौधे लगाने का शौक था.इसलिए जहां कहीं से भी कोई पौधा मिलता उसे घर ले आते थे. जगह कम होने पर अपने गमले में लगा दिया करते थे. धीरे-धीरे इतने पौधे हो गए कि आंगन में जगह ही नहीं बची. फिर धीरे-धीरे छत ने इसकी जगह ले लिया. छत नर्सरी जैसा बन गया. वह आगे बताते हैं कि इसकी देखभाल करने के लिए मेरी पत्नी का भी अहम योगदान है. वह कहते हैं कि हमारा घर लोगों को सिनेमा जगत के जैसा लगता है. यहां की लड़की-लड़कियां हमारे छत पर आकर रील्स भी बनाते हैं. वहीं उनके छोटे से नर्सरी में पपीता, संतरा, ड्रैगन, फ्रूट्स, स्ट्रॉबेरी, केला, आम, नींबू, गुलाब, जामुन ने भरपूर मात्रा में फल भी दिया है.
इसके अलावा 200 किस्मसे ज्यादा गमलों में अलग-अलग किस्मों के फूल भी लहलहा रहे हैं.इनमें वे किस्में भी हैं जिनकी कीमत हजारों रुपए हैं.अब हालात यह है कि छत पर पेड़-पौधों के अलावा कुछ भी नहीं है.रंग-बिरंगे फूलों से सजी छत किसी पार्क और नर्सरी कम नहीं है.आगे वह बताते हैं बताते हैं कि पहले पौधे लगाना उनका शौक था, लेकिन अब वह पर्यावरण संतुलित रहे इसके लिए पौधे लगाते है.उनका मानना है कि हर व्यक्ति को पौधे लगाने चाहिए अपने घर आंगन अगर आंगन नहीं है तो छत का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, ताकि प्रकृति को आप अपने द्वारा उनकी सुंदरता प्रदान की जा सके.
छत पर लगे सैकड़ों फूल के पौधे
उन्होंने बताया कि घर परअरहुल, गुलाब,गुलदाउदी, डहेलिया, गेंदा, कैक्टस, मिनी प्लांट्स, एस्टर, फ्लाक्स, एडेनियम, मनी प्लांट, गजानिया केलियस, मोतिया, लिली झूमका अड़हुल जैसे सैकड़ों फुल अभी नर्सरी मेंहै.वही फूल के अलावा इनके छत पर 50 से ज्यादा वैरायटी की फल के पौधे लगे हैं. जैसे केला, पपीता, बेर गुलाब जामुन, ड्रैगन फ्रूट्स, सपाटू, आम, नींबू, संतरा, सेब, लीची, कटहल, वही नीम पीपल बरगद का भीहै.