Kisaan School : मशरूम उत्पादन की तकनीक देखने किसान स्कूल पहुंचें 12 गांव के किसान, नवीन तकनीक देख खूब प्रभावित हुये जगदलपुर के युवा किसान धनेश्वर मांझी

जांजगीर-चाम्पा. वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह में इस समय किये जा रहे मशरूम उत्पादन तकनीक को देखने जिले के 12 गांव के किसान बहेराडीह पहुंचें, वहीं जगदलपुर के युवा किसान धनेश्वर मांझी मशरूम उत्पादन और क़ृषि की नवीन तकनीक को देख खूब प्रभावित हुये।



ग्रामीण स्व रोजगार प्रशिक्षण संस्थान जांजगीर के निदेशक लक्ष्मीनारायण सिंकू के मार्गदर्शन पर फेकेल्टी अरुण कुमार पाण्डेय और उत्तम कुमार राठौर ने मनरेगा अंतर्गत उन्नति प्रोजेक्ट के तहत जिले के किसानों को मास्टर ट्रेनर जगदलपुर जिले के धनेश्वर मांझी द्वारा दिए जा रहे मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण के दौरान वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह का भ्रमण कराया गया, जहाँ मशरूम उत्पादन तकनीक के अलावा क़ृषि क्षेत्र में कई अलग अलग प्रकार की चीजों का अवलोकन किया।

किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव व रामाधार देवांगन ने बताया कि मशरूम उत्पादन करने वाले किसानों को मनरेगा के तहत मशरूम उत्पादन इकाई निर्माण हेतू योजना है। यहाँ पर मनरेगा के तहत 5 लाख 67 हजार रूपये की लागत से मशरूम शेड का निर्माण किया गया है। इस इकाई में यहाँ की महिलाएं ताज़ा मशरूम उत्पादन, सूखा मशरूम, पावडर, अचार, बड़ी, पापड़ और अन्य उत्पाद तैयार करके अच्छी आमदनी लें रहे हैं। मशरूम को सुखाने के लिये उद्यान विभाग ने ड्रायर मशीन भी प्रदान किया है। क़ृषि अवशेष से मशरूम उगाने के तरीके भी सिखाई गईं।

इस अवसर पर जगदलपुर जिले के युवा किसान व मास्टर ट्रेनर धनेश्वर मांझी, डोंगाकहरोद गाँव से पूर्णिमा पटेल, खोखरी से हेमा साहू, झिलमिली से शकुंतला जांगड़े, कौशिल्या बंजारे, कटनई से शोभा देवी, देवरी से कीर्तन साहू, सिर्री से सुनिधि किरण, दुर्गा जगत, रुचिका लहरे, शीतल पटेल, अंजलि दिनकर, लोकेश दिनकर, थानु जगत, कोड़ाभाठ से राजाबाबू बर्मन, मुलमुला से रमेश साहू, मेकरी से पंकज लहरे श्याम केवट और नारी शक्ति महिला ग्राम संगठन के सचिव पुष्पा यादव, व किसान स्कूल की टीम उपस्थित थे।

पहली बार मैंने देखा संग्रहालय : मांझी
पहली बार किसान स्कूल बहेराडीह पहुंचे जगदलपुर के युवा किसान व मशरूम के मास्टर ट्रेनर धनेश्वर मांझी ने कहा कि सालों पहले क़ृषि क्षेत्र में उपयोग में आने वाले विलुप्त चीजों का इतने बड़े पैमाने पर संग्रह मैंने पहली बार देखा। विलुप्त चीजों को बचाने, सहेजने के उद्देश्य से किसान स्कूल द्वारा चलाया जा रहा पुरखा के सुरता अभियान की उन्होंने खुलकर तारीफ किया और वे जगदलपुर के प्रगतिशील किसानों को भी अभियान में शामिल करने की बात कही।

error: Content is protected !!