सूर्यदेव ने अपने रथ में क्यों जोड़े थे गधे? जानें क्या है इसके पीछे की पूरी कहानी

आप सभी ये तो जानते ही होंगे कि सूर्य देव के रथ में 7 घोड़े जुड़े होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सूर्य देव को अपने रथ में 2 गधे भी जोड़ने पड़े थे. ये तो आपने सुना ही होगा कि जब भी सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तो खरमास शुरू हो जाता है.



 

 

 

 

हर साल ये स्थिति दिसंबर और जनवरी महीने के बीच बनती है. इस बार भी खरमास 16 दिसंबर 2023 से 14 जनवरी 2024 तक रहेगा. हिंदी व्याकरण के अनुसार खर का अर्थ है गधा. खर मास की रोचक कथा भी गधों से जुड़ी हुई है.

 

 

 

मार्कंडेय पुराण के अनुसार, सूर्यदेव अपने 7 घोड़ों के रथ पर सवार होकर निरंतर चलते रहते हैं. एक बार सूर्यदेव के घोड़े चलते-चलते काफी तक गए, उस समय हेमंत ऋतु चल रही थी. पास ही में तालाब देखकर सूर्यदेव के घोड़े पानी पीने लगे, लेकिन सूर्यदेव नहीं रुक सकते थे. तभी सूर्यदेव को तालाब के किनारे 2 गधे दिखाई दिए. सूर्यदेव ने उन गधों को अपने रथ में जोड़ा और आगे की यात्रा पर निकल गए.

 

 

 

 

इस तरह सूर्यदेव ने अपनी यात्रा जारी रखी. घोड़ों की तुलना में गधों की चाल काफी धीरे थी. 1 महीने तक सूर्यदेव ने अपने रथ में गधों को जोत रखा था. एक महीने बाद जब सूर्यदेव उसी तालाब के निकट पहुंचें तो उनके घोड़ों की थकान गायब हो चुकी थी और वे पानी पीकर पुन: यात्रा के लिए तैयार हो चुके थे. सूर्यदेव ने अपने रथ से गधों को निकाला और फिर से अपने सातों घोड़ों को जोड़कर आगे की यात्रा आरंभ की.

 

 

 

 

 

जानें कब आता है खर मास?

बता दें कि जिस महीने में सूर्यदेव ने अपने रथ में गधों को जोड़ा था, वह महीना खर मास कहलाया. इसलिए हर साल जब भी सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता तो उसे खर मास कहते हैं. इस महीने में शुभ कार्य जैसे विवाह आदि नहीं किए जाते हैं. खर मास का महीना खत्म होने के बाद ही शुभ कार्य दोबारा शुरू हो जाते हैं.

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