Chhattisgarh: कवासी लखमा के पास हर महीने पहुंचते थे 50 लाख, अनवर ढेबर के कंट्रोल में था पूरा तंत्र, जानिए कैसे हुए 2161 करोड़ का शराब घोटाला. पढ़िए…

छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटला मामले में ACB ने अब तक पूर्व मंत्री कवासी लखमा, मेयर एजाज ढेबर के भतीजे अनवर और उमेर ढेबर सहित 70 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वहीं, ED ने 2161 करोड़ रुपए के पूरे घोटले का मास्टर माइंड तीन लोगों को बताया है जिनका नाम A से शुरू होता है। इसे ED ने ट्रिपल A नाम दिया है। ट्रिपल A को डिकोट करने के बाद अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी का नाम सामने आया है। वहीं, ACB ने अपने FIR में पूर्व मंत्री कवासी लखमा को 50 लाख रुपए प्रति माह कमीशन के तौर पर मिलने का जिक्र किया है।



 

 

Chhattisgarh liquor scam Explainer FIR में शामिल तथ्यों पर गौर करें तो ये बात सामने आती है कि नया सिंडिकेट तैयार कर पूर्ववर्ती भूपेश सरकार द्वारा 2161 करोड़ रुपए गबन करने का आरोप है। ED की चार्जशीट की मानें तो आईएएस सुनील टुटेजा शराब घोटाले के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर के बेहद करीबी हैं। इसी का फायदा उठाते हुए इसे पूरे मामले को अंजाम दिया गया है। बताया गया कि अरुणपति त्रिपाठी की नियुक्ति CSMCL के MD के तौर पर अनिल टुटेजा की वजह से हुई थी।

 

 

 

 

ED की चार्जशीट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि घोटाले से जुड़े कैश कलेक्शन का काम अनवर ढेबर किया करता था। अनवर ढेबर ने प्रशासनिक अफसरों में अपने प्रभाव का भरपूर फायदा उठाया और अपने करीबीयों को ऐसे जगह पर नियुक्ति दिलाई जो इस पूरे कारनामे को अंजाम देने में उसका साथ दे सके। कहा ये भी गया है कि अनवर ढेबर के पूरे तंत्र को आईएएस विवके ढांढ का संरक्षण प्राप्त था, जिसके बादले काली कमाई का शेयर दिया जाता था। ED की FIR में अनिल टुटेजा के बेटे यश टुटेजा का भी नाम है।

 

 

 

 

वैसे तो CSMC में अरुणपति त्रिपाठी की नियुक्ति अवैध शराब की ​बिक्री को रोकने के लिए की गई थी, लेकिन इस दलदल में पहुंचते ही वो भी अरुणपति से लक्ष्मीपति बनने की राह पर निकल पड़े। बताया गया कि शराब तस्करी को रोकने के लिए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव कर एजेंसियों से शराब खरीदी कर इसे दुकानों में बेचा जाना तय किया था। लेकिन भूपेश सरकार के कार्यकाल में इसे फिर से बदल दिया गया और शराब सप्लाई का ठेका खास कंपनियों को दे दिया गया |

 

 

 

ED ने अपने चार्जशीट में जिक्र करते हुए कहा है कि शराब घोटाले की पूरी जानकारी पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भी थी। उन्हें भी कमीशन के तौर पर अवैध कमाई का बड़ा हिस्सा दिया जाता है। ED की मानें तो कवासी लखमा को महीने में 50 लाख रुपए का भुगतान किया जाता था। न सिर्फ पूर्व मंत्री लखमा को बल्कि तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास को महीने के 50 लाख रुपए अवैध कमाई के मिलते थे।

 

 

 

शराब बेचने से मिलने वाली राशि का कलेक्शन विकास अग्रवाल और उसके लोग करते थे। पूरा कलेक्शन अनवर ढेबर के पास पहुंचता था और मिलने वाली रकम गिरिराज होटल के मालिक नितेश और यश पुरोहित के पास रखाई जाती थी।

 

 

 

 

शराब घोटाला मामले में FIR में दर्ज नाम

01. अनिल टुटेजा, तत्कालीन संयुक्त सचिव (वाणिज्य एवं उद्योग विभाग छत्तीसगढ़ शासन)
02. अनवर ढेबर
03. अरुणपति त्रिपाठी (प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमीटेड)
04. मेसर्स रतनप्रिया मिडिया प्राईवेट लिमीटेड
05. कवासी लखमा (तत्कालीन आबकारी मंत्री)
06. निरंजनदास (आई.ए.एस. तत्कालीन आबकारी आयुक्त)
07. जनार्दन कौरव (तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी)
08. अनिमेष नेताम (तत्कालीन उपायुक्त आबकारी)
09. विजय सेन शर्मा (तत्कालीन उपायुक्त आबकारी)
10. अरविंद कुमार पटले (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
11. प्रमोद कुमार नेताम (तत्कालीन सहायक कमिशनर आबकारी)
12. रामकृष्ण मिश्रा (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
13. विकास कुमार गोस्वामी (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
14. इकबाल खान (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)
15. नीतिन खंडुजा (तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी)
16. नवीन प्रताप सिंग तोमर (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
17. मंजु कसेर (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)
18. सौरभ बख्शी (तत्कालीन सहायक आयुक्त)
19. दिनकर वासनिक (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
20. आशीष वास्तव (तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त आबकारी)
21. अशोक कुमार सिंह (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)
22. मोहित कुमार जायसवाल (जिला आबकारी अधिकारी)
23. नीतू नोतानी (उपायुक्त)
24. रविश तिवारी (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
25. गरीबपाल दर्दी (आबकारी अधिकारी)
26. नोहर सिंह ठाकुर (आबकारी अधिकारी)
27. सोनल नेताम (सहायक आयुक्त आबकारी विभाग)
28. अरविंद सिंह
29. अनुराग द्विवेदी (मेसर्स अनुराग ट्रेडर्स)
30. अमित सिंह (मेसर्स अदीप एग्रोटेक प्राईवेट लिमिटेड)
31. नवनीत गुप्ता
32. पिंकी सिंह (प्रोप्राईटर अदिप एम्पायर्स)
33 विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू
34. त्रिलोक सिंह, ढिल्लन (मेसर्स ढिल्लन सिटी मॉल प्राईवेट लिमीटेड)
35. यश टुटेजा (निवासी कटोरा तालाब रायपुर)
36. नितेश पुरोहित, गिरीराज होटल, रायपुर
37. यश पुरोहित, गिरीराज होटल, रायपुर
38. अभिषेक सिंह, डायरेक्टर मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटेक प्राईवेट लिमीटेड
39. मनीष मिश्रा, मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटेक प्राईवेट लिमीटेड
40. संजय कुमार मिश्रा, सी.ए. मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटेक प्राईवेट लिमीटेड
41. अतुल कुमार सिंह श्री ओम साईं, बेवरेजेस प्राईवेट लिमीटेड
42. मुकेश मनचंदा, श्री ओम साई बेवरेजेस प्राईवेट लिमीटेड
43. विजय भाटिया, भिलाई
44. अशीष सौरभ केडिया, मेसर्स दिशिता वेंचर्स प्राईवेट लिमीटेड
45. मेसर्स छ.ग. डिस्टलरीस प्राईवेट लिमीटेड
46. मेसर्स भाटिया वाईन एवं मर्चेंटस प्राईवेट लिमीटेड
47. मेसर्स वेलकम डिस्टलरीस
48. सिद्धार्थ सिंघानिया, मेसर्स सुमीत फैसलिटीस लिमीटेड एवं टॉप सिक्योरिटीस फैसलिटीस मैनेजमेंट
49. बच्चा राज लोहिया मेसर्स इगल हंटर सॉल्युशन लिमीटेड एवं पार्टनर
50. मेसर्स अलर्ट कमाण्डों प्राईवेट लिमीटेड एवं पार्टनर
51. अमित मित्तल, मेसर्स ए टू जेड प्राईवेट लिमिटेड
52. उदयराव मेसर्स ए टू जेड प्राईवेट लिमीटेड का मैनेजर
53 मेसर्स प्राईम वन वर्क फोर्स
54. लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल निवासी भिलाई
55. विधु गुप्ता, प्रीज्म होलोग्राफी एवं सिक्योरिटीस प्राई लिमी.
56. दीपक दुआरी
57. दिपेन चावडा
58. मेसर्स प्राईम डेव्हलपर्स
59. मेसर्स ए ढेबर बिल्डकॉन
60. मेसर्स ए. जे. एस. एग्रोट्रेड प्राईवेट लिमीटेड
61. सफायर इस्पात के मालिक श्री उमेर ढेबर एवं श्री जुनैद ढेबर
62. अख्तर ढेबर
64. अशोक सिंह
65. सुमीत मलो
66. रवि बजाज
67. विवेक ढांढ, निवासी जी. ई. रोड रायपुर
68. अज्ञात कांग्रेस के पदाधिकारीगण
69. अन्य आबकारी अधिकारीगण
70. विकास अग्रवाल के साथीगण के अज्ञात नाम भी शामिल हैं।

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