थार और स्कॉर्पियो जैसी गाड़ियां बनाने वाली महिंद्रा कंपनी अब भारतीय वायुसेना के लिए विमान बनाएगी. उसने ब्राजील की कंपनी एंबरेयर के साथ मिलकर समझौता किया है. अब दोनों कंपनियां C-390 Millennium मल्टीमिशन एयरक्राफ्ट बनाएंगे. ये विमान भारत में ही बनेगा.
आइए जानते हैं इससे भारत को क्या फायदा होगा?
भारत की बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी महिंद्रा (Mahindra) अब भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के लिए ट्रांसपोर्ट विमान बनाने जा रही है. उसने इस काम के लिए ब्राजील की एंबरेयर कंपनी से समझौता किया है. यह समझौता भारत सरकार के मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट प्रोक्योरमेंट प्रोजेक्ट के तहत किया गया है.
भारत में ही इस विमान को बनाने की फैक्ट्री लगेगी. यहीं पर यह विमान बनेगा. इस विमान का नाम है C-390 मिलेनियम. यह एक मल्टीमिशन एयरक्राफ्ट है. इसका इस्तेमाल भारतीय वायुसेना तो करेगी ही. बल्कि यहां से बनने वाले विमान जब बाहर एक्सपोर्ट होंगे तो उससे देश को फायदा होगा. साथ ही देश में रक्षा विमान उद्योग को बढ़ावा मिलेगा.
आइए जानते हैं इस विमान की ताकत…
C-390 Millennium मीडियम साइज ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है. जिसकी पहली उड़ान ब्राजील में 3 फरवरी 2015 को हुई थी. 2019 में इसे सबके सामने पेश किया गया. तब से अब तक 9 विमान बने हैं. इसका इस्तेमाल फिलहाल ब्राजील, पुर्तगाल और हंगरी की वायुसेना कर रही है.
इस विमान को तीन लोग मिलकर उड़ाते हैं. दो पायलट और एक लोडमास्टर. यह 26 हजार किलोग्राम वजन या 80 सैनिक या 74 स्ट्रेचर और 8 अटेंडेंट या 66 पैराट्रूपर्स लेकर उड़ान भर सकता है. 115.6 फीट लंबे विमान की ऊंचाई 38.10 फीट है. विंगस्पैन 115 फीट है.
इस विमान में एक बार में 23 हजार किलोग्राम फ्यूल आता है, जो इसे पूरे साजो-सामान के साथ एक बार में 5020 किलोमीटर की रेंज तक उड़ान भरने की ताकत देता है. इसकी अधिकतम गति 988 किलोमीटर प्रतिघंटा है. वैसे यह आमतौर पर 870 km/hr की स्पीड से उड़ान भरता है.
यह विमान अधिकतम 36 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें तीन हार्डप्वाइंट्स होते हैं. जिनमें पॉड रॉकेट्स, आईआर राफेल लाइटनिंग रू या आईएफआर कोबहैम 900 सीई हथियार तैनात कर सकते हैं. यह विमान हमला से ज्यादा बचाव तकनीकों से लैस हैं. ताकि लोगों को सुरक्षित एक स्थान से दूसरी जगह तक पहुंचा सके.