नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सरगर्मी धीरे—धीरे बढ़ती ही जा रही है। अब लोग आचार संहिता की लागू होने की तारीख और चुनाव की तारीखों के बारे में चर्चा करने लगे हैं। वहीं, कल देर शाम भाजपा ने अपने लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सरगर्मी और बढ़ा दी है। भाजपा की पहली सूची आने के बाद लोगों का कहना है कि मार्च के दूसरे हफ्ते में कभी भी आचार संहिता का ऐलान हो सकता है।
सोशल मीडिया और लोगों में हो रही चर्चा की मानें तो 9 से 13 मार्च के बीच निर्वाचन आयोग चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकती है। हालांकि अभी तक इस संबंध में निर्वाचन आयोग ने अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की है। लेकिन निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तैयारी लगभग पूरी कर ली है। हाल ही में निर्वाचन आयोग ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों के लिए कुछ नए निर्देश जारी भी किए हैं।
राजनीतिक दलों के लिए जारी एडवाइजरी में आयोग ने कहा कि आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों के खिलाफ ‘नैतिक भर्त्सना’ के बजाय कठोर कार्रवाई की जाएगी। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारे या कोई अन्य पूजा स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए। लोकसभा चुनाव एवं चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए आचार संहिता लागू होने से कुछ दिनों पहले यह परामर्श जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि जिन स्टार प्रचारकों और उम्मीदवारों को पहले नोटिस मिला है, उन्हें आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन के लिए कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने हाल में इस बात पर जोर दिया था कि राजनीतिक दलों को ऐसे नैतिक और सम्मानजनक राजनीतिक विमर्श को बढ़ावा देना चाहिए जो विभाजन के बजाय प्रेरित करता हो, व्यक्तिगत हमलों के बजाय विचारों को बढ़ावा देता हो। आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि इस एडवाइजरी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अब औपचारिक रूप से नैतिक राजनीतिक विमर्श के लिए मंच तैयार कर दिया है और 2024 के आम चुनावों में अव्यवस्था की आशंका पर अंकुश लगाया है। उनका यह भी कहना है कि चुनाव आचार संहिता के लिए उल्लंघन को लेकर व्यवस्थित दृष्टिकोण ने सभ्य चुनावी अभियान के लिए जमीन तैयार की है।