राजकुमार साहू, भारतीय जनता पार्टी के फैसले हमेशा चौंकाते रहे हैं. मोदी सरकार-3 के मंत्रीमंडल विस्तार में जिस तरह साफ-सुथरी छवि के तोखन साहू के नाम पर मुहर पार्टी ने लगाई है, उससे भाजपा ने सभी को फिर चौंकाया है, क्योंकि मीडिया समेत आम चर्चा में बीजेपी के 4 सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विजय बघेल, संतोष पाण्डेय और कमलेश जांगड़े में से किसी 1 को मोदी मंत्रीमंडल में जगह मिलने की चर्चा थी, लेकिन भाजपा ने बिलासपुर सांसद तोखन साहू के नाम पर मुहर लगा दी है और उन कयासों पर भी विराम लगा दिया है, जो पिछले कई दिनों से लगाए जा रहे थे.
ऐसा पहला मर्तबा नहीं हुआ है, जब भाजपा ने अपने फैसलों से चौंकाया हो. एक तरह से कहें तो राजनीतिक कयास से इतर ही बीजेपी के फैसले आ रहे हैं. चाहे पिछली सरकार में मंत्रीमंडल गठन की बात हो या छह माह पहले राज्यों में सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री और मंत्री बनाने की बात हो. मीडिया और चर्चा में कोई और नाम होता है और नाम किसी और का तय हो जाता है. मोदी की पिछली सरकार में भी ऐसे ही अनेक नाम रहे, जिनकी चर्चा नहीं थी, लेकिन मंत्रीमंडल में नाम आया तो सब हैरान रह गए थे. विधानसभा चुनाव के बाद जब सीएम की दौड़ की चर्चा हुई तो तीनों राज्यों छ्ग, मप्र और राजस्थान में मुख्यमंत्री के लिए ऐसे नाम भाजपा ने तय किया, जो मीडिया या चर्चा में नहीं थे. कुछ चर्चा में थे, तो कई के नाम तीसरे-चौथे नम्बर पर थे. बड़ी बात यह है कि भाजपा ने कद्दावर नेताओं को दरकिनार कर जिस तरह से नए चेहरों को मौका दिया है, उससे कार्यकर्ताओं में जरूर उत्साह बढ़ा है. इससे पार्टी में अच्छा फीडबैक गया है, यही वजह है कि पार्टी के ऐसे फैसले की लंबी फेहरिस्त बन गई है.
छ्ग की बात करें तो अरुण साव, रेणुका सिंह, ओपी चौधरी और विष्णुदेव साय के नाम की चर्चा मुख्यमंत्री के लिए थी और पार्टी ने विष्णुदेव साय के नाम पर सहमति दी. भाजपा ने सभी को राजस्थान और मप्र में सबसे ज्यादा चौंकाया, क्योंकि राजस्थान में भजनलाल शर्मा, मप्र में डॉ. मोहन यादव के नाम की चर्चा नहीं थी और पार्टी के बड़े धुरंधरों, वरिष्ठ नेताओं को छोड़कर पहली और दूसरी बार विधानसभा चुनाव जितने वाले नेताओं को सीएम की कुर्सी पर बिठा दिया. विधानसभा और लोकसभा के टिकट वितरण में भी भाजपा ने चौंकाया है. भाजपा के पुराने हर फैसलों को हम देखेंगे तो उन फैसलों में भी चौंकाने वाले कई फैसले लिए गए हैं. छ्ग के मंत्रिमंडल की बात करें तो यहां भी बड़े चेहरों को छोड़कर पहली बार विधानसभा पहुंचने वाले टंकराम वर्मा, लक्ष्मी राजवाड़े को मंत्री बनाया है और उस वक्त भी भाजपा ने अपने इस फैसले से सबको चौंका दिया था, क्योंकि भाजपा के कई बड़े नेता चुनाव जीतकर पहुंचे थे, कई नेता पूर्व में मंत्री रह चुके हैं, उन्हें पार्टी ने मौका नहीं दिया, बल्कि उन चेहरों पर भरोसा जताया, जिनकी ना तो मीडिया में चर्चा थी और ना तो उनके नाम की आम चर्चा थी.
अभी के केंद्रीय मन्त्रिमण्डल गठन की बात करें तो बिलासपुर सांसद तोखन साहू का नाम दूर-दूर तक चर्चा में नहीं था. तोखन साहू, पहली बार सांसद बने हैं और लोरमी से विधायक-संसदीय सचिव रह चुके हैं. दूसरी ओर, बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर सीट से सबसे अधिक मतों जीत दर्ज की है, वहीं 8 बार के विधायक और छ्ग सरकार में मंत्री हैं. साथ ही, राजनांदगांव में संतोष पांडेय ने दूसरी बार जीत दर्ज की है और इस बार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पराजित किया है, वहीं दुर्ग से भी विजय बघेल ने दूसरी बार जीत दर्ज किया है और प्रदेश में उनकी जीत का लीड दूसरे नम्बर पर है. इसके अलावा, छ्ग की एकमात्र अजा सीट से कमलेश जांगड़े ने पूर्व मंत्री डॉ. शिव डहरिया को हराया है. अजा वर्ग को प्रतिनिधित्व देने को लेकर कमलेश जांगड़े के नाम की भी चर्चा थी, लेकिन छ्ग से मोदी मंत्रिमंडल में नाम का फैसला हुआ तो बिलासपुर सांसद तोखन साहू के नाम पर मुहर लगी है. तोखन साहू के नाम तय होने के पीछे की वजह यही नजर आ रही है कि छ्ग में अभी साहू समाज की सबसे अधिक जनसंख्या है. मुख्यमंत्री की दौड़ में अरुण साव थे, लेकिन उन्हें उपमुख्यमंत्री बना दिया गया था. छ्ग के लिहाज से भाजपा की रणनीति साफ है, वह हर वर्ग को साधना चाह रही है, किसी को नाराज नहीं करना चाहती है. यही वजह है, मुख्यमंत्री आदिवासी हैं, भाजपा ने पहली बार 2 उप मुख्यमंत्री बनाया है, उसमें 1 साहू ( ओबीसी ) और दूसरा ब्राम्हण है. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सामान्य वर्ग से हैं. भाजपा ने इसी तरह मंत्रियों को बनाते वक्त क्षेत्र और जाति का संतुलन बनाया है. रायपुर से बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद 1 मंत्री का पद खाली होगा और 1 पद पहले से खाली है. ऐसे में हमेशा की तरह, मंत्री बनाने के नाम पर भाजपा फिर चौंका दे, तो यह कोई बड़ी बात नहीं होगी, क्योंकि अभी तक जितने कयास लगाए गए हैं, मीडिया के साथ ही जो आम चर्चा रही है, उसे भाजपा ने धाराशाही ही किया है तो इंतजार करिए, भाजपा के अन्य चौंकाने वाले फैसले का…
( लेखक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार हैं )