गंगा स्नान के दौरान बना रहता है डूबने का डर, ऐसे में प्रशासन की है यह सलाह, जान लें जरूरी बातें

नई दिल्ली: गंगा नदी को गंगा मां का दर्जा दिया जाता है. हिंदू धर्म में खासतौर से गंगा पूजा का अत्यधिक महत्व है. हर साल गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की पूजा की जाती है और गंगा स्नान करके पूजा संपन्न होती है. गंगा दशहरा के दिन स्नान और दान करने पर माना जाता है कि शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इस साल 16 जून, रविवार के दिन गंगा दशहरा मनाया जा रहा है. इस दिन गंगा स्नान किया जाता है लेकिन गंगा नदी का प्रवाह ज्यादा हो तो डूबने या बह जाने का खतरा रहता है. ऐसे में गंगा स्नान करते हुए कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखे जाने को लेकर प्रशासन एडवाइजरी जारी करता रहता है. यहां जानिए गंगा स्नान के समय किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए.



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गंगा स्नान के समय ध्यान रखने वाली बातें
जिस तरफ पानी का बहाव ज्यादा हो उस तरफ स्नान करने से बचें.

घाट की तरफ रहें और कोशिश करें कि बच्चों का हाथ पकड़े रहें.
खतरनाक घाटों तक ना खुद जाएं ना बच्चों को जाने दें.
गंगा दशहरा के दिन घाट पर भीड़ देखकर किसी कोने की जगह से, पुलिया से या फिर ऊंचे टीले से कूदकर नदी में स्नान करने की कोशिश ना करें.

जिसे तैरना (Swimming) नहीं आता है उस व्यक्ति को अकेले पानी में उतरने से खासा परहेज करना चाहिए.
यदि कोई व्यक्ति डूबता हुआ नजर आता है तो उसे बचाने के लिए तुरंत किसी साड़ी, रस्सी या लकड़ी आदि का इस्तेमाल करें और बचाने में देरी ना करें.

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अगर कोई व्यक्ति डूबता हुआ दिख रहा है तो उसे बाहर निकालकर सबसे पहले देखें कि उसके मुंह में या नाक में कुछ फंसा तो नहीं है.
बेहोश हो जाने पर सांस लेने में दिक्कत होती है तो छाती पर दबाव डालें और थपथपी दें.
सांस ना चल रही हो तो व्यक्ति को माउथ टू माउथ सांस देने की कोशिश करें.

गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त
इस साल गंगा दशहरा के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं. इस बार हस्त नक्षत्र, सर्वार्थ अमृत, सिद्धी योग और रवियोग का संयोग बन रहा है. इन योगों में गंगा स्नान और दीपदान करना अत्यधिक शुभ कहा जाता है. गंगा दशहरा पर स्नान के अतिरिक्त पूजा (Ganga Puja) करने का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 18 मिनट तक है. Of

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