Kharod News : मां महामाया अध्यात्म परिषद खरौद ने मनाया गोस्वामी तुलसीदास जयंती

खरौद. मां महामाया अध्यात्म परिषद खरौद ने संत शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती महामाया मंदिर में मां महामाया और गोस्वामी तुलसीदास जी के चित्र की पूजा कर मनाया गया।इस कार्यक्रम में चतुर्थ श्रावणी सोमवार के पावन पर्व के पूर्व सन्ध्या होने से छत्तीसगढ़ काशी खरौद में बाहर के अन्य स्थानों से दर्शन करने आए दर्शनार्थी भी उपस्थित रहे। गोस्वामी तुलसीदास जयन्ति कार्यक्रम में परिषद के वरिष्ठ सदस्य धनसाय यादव ने गोस्वामी तुलसीदास जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ईर्षा वश काशी के पंडितों ने तुलसीदासजी द्वारा रचित श्रीरामचरित मानस को नष्ट करने का उपक्रम किया,इसे गायब करने के लिए दो चोर भेजे गए।चोरों ने देखा कि तुलसीदास जी के कुटिया के बाहर श्याम और गौर वर्ण के दो अत्यंत सुंदर वीर बालक पहरा दे रहे हैं।



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उनके दर्शन से चोरों की बुद्धि पवित्र हो गई वे चोरी छोड़कर भगवत भजन करने लगे। कार्यक्रम को संचालन करते हुए हेमलाल यादव ने बताया कि पुण्यपुरी काशी से गोस्वामी तुलसीदास जी का अत्यंत घनिष्ट और अभिन्न संबंध रहा है। उनके जीवन का अधिकांश समय यहां काशी मे रामकथा वक्ता,साहित्य प्रणेता तथा साधक के रूप मे ब्यातित हुआ।काशी में ही उन्हें श्रीहनुमान जी के दर्शन हुए जिसके फलस्वरूप भगवान श्रीरामजी के दर्शन का मार्ग प्रशस्त हुआ। यादव जी ने आगे बताया कि बाल्मीकि जी को अपने जन्म में कथा करने की तृप्ती न हुई।भगवान की मंगलमय लीला कथा भक्ति से प्रेम पूर्वक वर्णन करना बाकी रह गया। इसलिए उन्होंने कलयुग में तुलसीदास जी के रूप में जन्म लिय इस प्रकार तुलसीदास जी को ‘कलि कुटिल जीव निस्तार हित, बाल्मीकि तुलसी भयो ।बताया। इस कार्यक्रम में महिला कीर्तन मंडली ने भी सुंदर मन भावन ‘तुलसी दास ने रामायण का गंगा बहा दिया , भवसागर पार उतरने को एक नौका बना दिया। भजन प्रस्तुत किया।

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अंत में परिषद के अध्यक्ष शिवरात्रि यादव ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि तुलसीकृत रामचरित मानस के चौपाई,दोहा सोरठा और छंद के एक एक अक्षर मंत्र है, मानस में बताए गए मार्ग को मनुष्य अपने जीवन मे उतारे तो मनुष्य का जीवन सुधर जाता है,उसका मोक्ष हो जाता है। आज के तुलसी जयन्ति कार्यक्रम में सीताराम आदित्य शामलाल आदित्य झंगलु आदित्य सुमित्रा भूरीबाई आदित्य सरही जलबाई रामशंकर आदित्य थानसिंग साहू रायपुर,देवराज साहू रायपुर, हिराऊ राम साहू छाऊ पाली राजाराम साहू छाऊ पाली पुनालाल साहू छाऊ पाली चोवाराम साहू सेमड़ा रामसाय सरहाराम बुद्धू राम आदित्य मेलाबाई लाला साहू कपिल आदित्य सोनकुवर आदि श्रद्धालु जन उपस्थित रहे।

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