बिन Gravity के अंतरिक्ष में एक जगह टिकना भी है मुश्किल तो एस्ट्रोनॉट्स कैसे करते है Space Walk ? यहां जाने सबकुछ

अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष में चलना बहुत मुश्किल हो जाता है क्योंकि वहां गुरुत्वाकर्षण काम करना बंद कर देता है। इससे सेहत का ख्याल रखना बहुत मुश्किल हो जाता है।
अंतरिक्ष यात्रा जितनी रोमांचक है उतनी ही मुश्किल भी है क्योंकि शून्य गुरुत्वाकर्षण के कारण शरीर में मौजूद तरल पदार्थ और व्यक्ति के रक्तचाप में गड़बड़ी पैदा हो जाती है। लेकिन ऐसे में सवाल उठता है कि जब अंतरिक्ष में चलना इतना मुश्किल है तो अंतरिक्ष यात्री बिना गुरुत्वाकर्षण के कैसे चलते हैं और इससे बाहर जाने के बाद वे वापस अंतरिक्ष यान के अंदर कैसे आते हैं। अंतरिक्ष यात्रियों के लिए स्पेसवॉक सबसे रोमांचकारी अनुभव होता है। पहले सरकारी एजेंसियों के अंतरिक्ष यात्री ही स्पेसवॉक करते थे, लेकिन अब निजी स्पेसवॉक किए जाने लगे हैं। हाल ही में स्पेसएक्स के पोलारिस डॉन मिशन में सवार होकर अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में पहुंचे हैं।



 

 

 

 

स्पेसवॉक करने वाले पहले गैर-पेशेवर व्यक्ति
अरबपति जेरेड इसाकमैन स्पेसवॉक करने वाले पहले गैर-पेशेवर व्यक्ति बन गए हैं। सबसे पहले यह समझ लेते हैं कि स्पेसवॉक क्या होता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक, जब भी कोई अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष यान से बाहर जाता है तो उसे स्पेसवॉक कहा जाता है। स्पेसवॉक को तकनीकी रूप से EVA यानी एक्स्ट्रा वेहिकुलर एक्टिविटी कहा जाता है।

 

 

 

ऐसे किया जाता है स्पेसवॉक
जब भी अंतरिक्ष यात्री स्पेसवॉक पर जाते हैं, तो उन्हें इसकी सुरक्षा पर खास ध्यान देना होता है। इसके लिए वे एक खास स्पेससूट पहनते हैं। यह सूट कोई साधारण सूट नहीं होता। इस स्पेससूट के अंदर सांस लेने के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन होती है, प्यास बुझाने के लिए पानी होता है। अंतरिक्ष यात्री स्पेसवॉक पर जाने से काफी पहले ही स्पेससूट पहन लेते हैं। इस सूट को पहनने के बाद अंतरिक्ष यात्री कुछ घंटों तक बिल्कुल साफ और शुद्ध ऑक्सीजन में सांस लेता है। इससे अंतरिक्ष यात्री के शरीर में मौजूद सारी नाइट्रोजन निकल जाती है। क्योंकि अंतरिक्ष यात्री के अंदर नाइट्रोजन की मौजूदगी बेहद खतरनाक होती है। अगर नाइट्रोजन को नहीं निकाला गया, तो स्पेसवॉक के दौरान अंतरिक्ष यात्री के शरीर में गैस के बुलबुले भी बन सकते हैं।

 

 

 

 

स्पेसवॉक के बाद स्पेसक्राफ्ट में कैसे लौटें
जब सारी तैयारियां पूरी हो जाती हैं, तो अंतरिक्ष यात्री ‘एयरलॉक’ खोलते हैं। इसमें दो दरवाजे होते हैं। जब तक अंतरिक्ष यात्री स्पेसक्राफ्ट के अंदर होते हैं, तब तक एयरलॉक एयरटाइट रहता है, जिससे किसी भी तरह की हवा बाहर नहीं जा सकती। अंतरिक्ष यात्री जब अंतरिक्ष में जाने के लिए तैयार होते हैं तो सबसे पहले वे दरवाजे से गुजरते हैं। इसके बाद वे इसे अपने पीछे कसकर बंद कर लेते हैं। इससे अंतरिक्ष यान से हवा बाहर नहीं आ पाती। स्पेसवॉक के बाद अंतरिक्ष यात्री ‘एयरलॉक’ के जरिए वापस अंदर भी चले जाते हैं। स्पेसवॉक करते समय वे स्पेस सेफ्टी टेदर के जरिए अंतरिक्ष यान से जुड़े भी रहते हैं।

 

 

 

सबसे ज्यादा स्पेसवॉक करने का रिकॉर्ड
सबसे ज्यादा स्पेसवॉक करने का रिकॉर्ड रूसी अंतरिक्ष यात्री अनातोली सोलोवयेव के नाम दर्ज है। उन्होंने एक या दो बार नहीं बल्कि सोलह बार स्पेसवॉक किया है। उन्होंने अंतरिक्ष में 82 घंटे से ज्यादा समय तक स्पेसवॉक किया है। इसके साथ ही नासा के चार अंतरिक्ष यात्रियों ने भी 10-10 स्पेसवॉक किए हैं। इनके नाम माइकल लोपेज-एलेग्रिया, बॉब बेह्नकेन, पैगी व्हिटसन और क्रिस कैसिडी हैं। इन चारों में से माइकल ने सबसे लंबा स्पेसवॉक किया है। माइकल का कुल समय 67 घंटे से ज्यादा है।

 

 

 

 

जीरो ग्रैविटी में सेहत का रखना होता है खास ख्याल
हाल ही में अंतरिक्ष पर एक नई रिसर्च रिपोर्ट आई थी। इसमें कहा गया था कि अंतरिक्ष में जीरो ग्रैविटी के कारण सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। अगर अंतरिक्ष उड़ान के दौरान किसी यात्री को दिल का दौरा पड़ता है तो उसे ठोस और सख्त जमीन के बिना सीपीआर देना नामुमकिन हो जाता है, क्योंकि धरती पर सीपीआर फर्श पर लेटकर दिया जाता है। ऐसे में बचना बेहद मुश्किल हो जाता है।

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