जब भी दुनिया की खुफिया एजेंसियों की बात की जाती है तो मोसाद का नाम सबसे पहले आता है। मोसाद को दुनिया की सबसे खतरनाक और प्रभावशाली खुफिया एजेंसियों में से एक माना जाता है, यह इजरायल की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी है।
यह एजेंसी अत्यधिक गोपनीयता, साहसी मिशन और घातक ऑपरेशन के लिए जानी जाती है। मोसाद का नाम सुनते ही दुनिया के सबसे बेहतरीन और घातक जासूसों की छवि दिमाग में आती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन जासूसों की सैलरी कितनी होती है? आइए जानते हैं
काफी मुश्किल होता है चयन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोसाद के जासूस बेहद खास होते हैं। ये लोग किसी आम जासूस की तरह नहीं होते, बल्कि इन्हें चुनने की प्रक्रिया बेहद कठिन और चुनौतियों से भरी होती है। मोसाद अपने जासूसों का चयन सिर्फ उनकी मानसिक और शारीरिक ताकत के आधार पर नहीं करता, बल्कि उनमें रणनीतिक सोच, साहस और देश के प्रति वफादारी भी होनी चाहिए।
जान को खतरा
मोसाद जासूसों की जिंदगी आसान नहीं होती। उन्हें हमेशा खतरे का सामना करना पड़ता है। हर मिशन में उनकी जान दांव पर लगी रहती है और कई बार उन्हें अपनी पहचान भी छिपानी पड़ती है। कई बार उन्हें अपने परिवार से दूर रहना पड़ता है और यहां तक कि उनके करीबी भी उनकी जिंदगी के बारे में बहुत कम जानते हैं।
औसत वेतन कितना है
आपको बता दें कि मोसाद की स्थापना 13 दिसंबर 1949 को हुई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोसाद जासूसों को अच्छी सैलरी और कई सुविधाएं मिलती हैं। मोसाद जासूसों के वेतन की बात करें तो औसत 223124 ILS है। जो करीब 47 लाख भारतीय रुपए है। मोसाद में काम करने के लिए कड़ी परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है।
कई भाषाओं का ज्ञान जरूरी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोसाद में शामिल होने के लिए इजरायली नागरिक होना जरूरी है। इन जासूसों के पास इंजीनियरिंग, कंप्यूटर जैसे विषयों में डिग्री होनी चाहिए। इसके अlलावा मोसाद एजेंट बनने के लिए पूर्व सैन्यकर्मियों को प्राथमिकता दी जाती है। इस एजेंसी के जासूसों को दुनिया की कई भाषाओं का ज्ञान होता है।