हिन्दू धर्म में नवरात्रि के मौके पर मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए लोग व्रत रखते हैं और विधि-विधान से पूजा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के 9 दिन व्रत और पूजा करने से माता दुर्गा प्रसन्न होकर लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती है और जीवन के आने वालों कष्टों से भी छुटकारा दिलाती हैं.
नवरात्रि के अवसर पर जो लोग व्रत रख रहे हैं. उनको व्रत दौरान फलाहार करने को लेकर कुछ जरूरी नियम जान लेने चाहिए. ताकि उनके व्रत बिना किसी बाधा के पूरा हो सके. ज्योतिषशास्त्र में नवरात्रि के व्रत में खाने को लेकर कुछ नियम है कि फलाहार कितनी बार करना चाहिए. लेकिन कुछ स्थानों पर ये नियम मान्यताओं के आधार पर अलग हो सकते हैं. जो कि व्यक्तिगत मान्यताओं और परंपराओं पर निर्भर करते हैं. हालांकि, कुछ सामान्य नियम हैं जिनका पालन करना बहुत ही आवश्यक होता है.
पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर को 00:18 बजे शुरू हो गई है. यह तिथि 4 अक्टूबर को तड़के सुबह 02 बजकर 58 मिनट तक मान्य रहेगी. ये नवरात्रि का पर्व पूरे 9 दिनों तक चलेगा.
आप लोगों ने अक्सर देखा होगा कि नवरात्रि के दौरान जो लोग व्रत रखते हैं उन्हें जब भी भूख लगती है. वे जब मन चाहे फलाहार कर लेते हैं. या व्रत खाई जाने वाली चीजें खा लेते हैं. वहीं कुछ लोग नवरात्रि के व्रत में दिन में एक बार ही फलाहार करते हैं. यह आम तौर पर दोपहर या शाम के समय किया जाता है. कुछ लोग दिन में दो बार फलाहार करते हैं, एक बार सुबह और एक बार शाम को. कुछ लोग पूरे दिन में थोड़ा-थोड़ा करके फलाहार करते रहते हैं.
नवरात्रि के व्रत में आम तौर पर सेंधा नमक का उपयोग किया जाता है, सामान्य नमक का उपयोग नहीं किया जाता है.
फलाहार करने के नियम
नवरात्रि के व्रत में आप दिन में कई बार पानी पी सकते हैं. आप विभिन्न प्रकार के फल खा सकते हैं, जैसे कि सेब, अंगूर, संतरा, केला आदि.
व्रत में कुछ लोग उबली हुई या भाप से पकाई हुई सब्जियां भी खाते हैं, लेकिन यह व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है.
कुछ लोग दूध और दही का सेवन भी करते हैं, लेकिन यह भी व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है.
आमतौर पर नवरात्रि के व्रत में अनाज का सेवन नहीं किया जाता है और मांस और मछली का सेवन पूरी तरह से वर्जित होता है.
नवरात्रि में अल्कोहल और तंबाकू का सेवन भी वर्जित होता है, इस बात का खास ध्यान रखना होता है.
भोजन बनाने और खाने के स्थान को साफ-सुथरा रखना चाहिए. व्रत के दौरान मन को शांत रखना चाहिए और भगवान की भक्ति में लीन रहना चाहिए.
व्रत के दौरान नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए.
फलाहार करना व्यक्तिगत पसंद और शारीरिक क्षमता पर निर्भर करता है. आप अपने गुरु या किसी धार्मिक गुरु से भी इस बारे में सलाह ले सकते हैं.
कितनी बार कर सकते हैं फलाहार
नवरात्रि का व्रत पूरे 9 दिनों तक रखा जाता है. नवरात्रि के दौरान रसोपवास, फलोपवास, दुग्धोपवास, लघु उपवास, अधोपवास और पूर्णोपवास किया जा सकता है. कुछ लोग उपवास के दौरान खिचड़ी खाते हैं, कुछ सेंधा नमक के साथ भोजन करते हैं, कुछ फलाहार भी करते हैं तो कुछ केवल दूध और जल आदि ग्रहण करते हैं. जिनकी जैसी क्षमता होती है वे वैसा उपवास करते हैं. आप चाहे किसी भी तरह का उपवास क्यों न करें, लेकिन बार-बार और बहुत ज्यादा नहीं खाना चाहिए. क्योंकि ऐसा व्रत करने से व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता है.
ताजा खाने का करें सेवन
यदि आप फलाहार करते हैं तो एक या दो समय ही फलाहार लें. वहीं अधोपवास करते हैं तो एक समय ही भोजन करें. नवरात्रि व्रत में दिनभर उपवास रहें और रात में ही एक बार भोजन करें. यह भी कोशिश करें कि रात में किए जाने वाले भोजन को रात में ही बनाएं. यानी भोजन को बहुत समय पहले से बनाकर तैयार न करें. इससे जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. खबर सीजी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता है.)