हाल ही में रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने भारतीय बाजार से 2,000 रुपये के नोट बाहर कर दिए है. इसके साथ ही आरबीआई ने 19 मई, 2023 को 2,000 रुपये कीमत के नोट को चलन से हटाने की घोषणा की थी.
हाल ही में 2 हजार रुपये बाजार से वापस भी मंगा लिए गए. अब 200 रुपये के नोट भी हटाना शुरू कर दिए गए हैं. खबर है की रिजर्व बैंक ने बाजार से 200 रुपये के करीब 137 करोड़ रुपए के मूल नोट निकाले हैं. इस खबर के सामवे आने के बाद भारतवासियों में हलचल मच गई है।
बंद किए 200 के नोट
ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ये कार्रवाई क्यों कर रही है. हालाँकि, इसमें डरने की कोई बात नहीं है. रिजर्व बैंक ने ना तो 200 रुपये के नोट को बंद करने का फैसला लिया है और ना ही उसकी ऐसी कोई योजना है. असल में, बाजार से नोट वापस मंगाने की वजह से इन नोटों का बुरा हाल है. रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस बार सबसे ज्यादा चलन 200 रुपये के नोट का हुआ है. इन रिपोर्ट में पाया गया की ये नोट सबसे ज्यादा कटे-फटे और सड़े-गले निकले. इस कारण बाजार से 137 करोड़ मूलधन के नोट वापस मांगे गए.
135 करोड़ रुपये कीमत के 200 का नोट हुआ बाहर
पिछले साल भी रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने 135 करोड़ रुपये कीमत के 200 रुपये के नोट चलन से बाहर किए थे. तब भी वजह वही थी. हालांकि अगर कीमत के दावे से देखा जाए तो सबसे खराब 500 रुपये के नोट हुए हैं. रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में 500 रुपये की कीमत के 633 करोड़ रुपये के नोट वापस मांगे गए थे. ये नोट खराब या खराब होने की वजह से वापस लाए गए थे. इस साल में अभी तक 500 रुपये के अंकों की संख्या पिछले साल की तुलना में 50 प्रतिशत कम है. जबकि 200 रुपये के अंकों की संख्या में 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
बैंक को मिली सड़े गले नोट
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank Of India) के 200 रुपये के नोट वापस लेने का मकसद अलग है. आरबीआई के खाते से पैसे नहीं निकाले जा रहे हैं, बल्कि बैंकों की खराब स्थिति के कारण पैसे वापस निकाले जा रहे हैं. आरबीआई ने अपनी अर्धवार्षिक रिपोर्ट में बताया है कि 200 रुपये की गिरावट के कारण कुल 137 करोड़ रुपये बाजार से वापस ले लिये गये हैं. पिछले साल भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने कुल 135 करोड़ रुपये मूल्य के नोट बाजार से वापस लिए थे. 200 रुपये की कीमत के नोट बहुत जल्दी फट जाते हैं, टूट जाते हैं और खराब हो जाते हैं. 500 रुपये कीमत के नोट के साथ भी वही होता हैं.
2000 के नोट पक लगा बैन
विशेषज्ञ होने का कहना है कि 2000 रुपये के नोट बंद होने के बाद बाजार में 200 रुपये के नोट ज्यादा चलन में हैं. जिससे नोट पेपर जल्दी खराब हो रहा है. इस तरह, रिज़र्व बैंक (Reserve Bank Of India) द्वारा दिए गए इस कदम का मुख्य उद्देश्य बाजार में नोटों की गुणवत्ता बनाए रखना है. खराब नोटों को वापस लेने से लोगों को बेहतर और साफ-सुथरे सिक्कों का इस्तेमाल करने का मौका मिलता है.