छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती पर हाईकोर्ट ने लगायी रोक, आखिर क्या है वजह? पढ़िए..

छत्तीसगढ़ में चल रही पुलिस भर्ती पर रोक लगा दी गई है। हाईकोर्ट ने नियमों को दी गयी चुनौती पर सुनवाई करते हुए ये निर्णय दिया है। दरअसल छत्तीसगढ़ में आरक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। जिसके बाद एक याचिका हाईकोर्ट में दायर हुई थी। याचिका में नियमों को चुनौती दी गयी थी। आज हुई सुनवाई में कोर्ट ने माना कि नियमों में काफी खामियां है।



 

 

 

राजनांदगांव के एक अभ्यर्थी के पिता बेदराम टंडन ने याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ याचिका दायर की थी। पुलिस भर्ती नियम में पुलिस विभाग से रिटायर्ड कर्मचारियों के संतानों के लिए भर्ती प्रक्रिया में छूट दी गयी थी। छूट के तहत फिजिकल टेस्ट में ऊंचाई और सीने के माप समेत 9 बिंदुओं में छूट दी गयी थी।

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नियम की इसी शिथिलता के खिलाफ याचिका लगाई गई थी। हाई कोर्ट ने माना कि कर्मचारियों का छूट देना आम जनता के साथ भेदभाव है। पूरे प्रदेश में आरक्षक संवर्ग 2023-24 के पदों में भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगायी है। मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की सिंगल बेंच में हुई। दरअसल,​​​​​​ राजनांदगांव जिले में इस केटेगरी के तहत 143 पद जारी किये गए थे। लेकिन विज्ञापन जारी होने और फॉर्म भरने के बाद डीजी पुलिस ने सचिव को इस नियुक्ति प्रक्रिया में पुलिस विभाग में कार्यरत और EX SERVICEMEN कर्मचारियों के बच्चों को छूट देने से संबंधित पत्र लिखा था।

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राज्य शासन ने कहा कि, 2007 में नियम बनाया गया है कि पुलिस कर्मियों के परिवार के लोगों को भर्ती में छूट का प्रावधान है। इस पर हाईकोर्ट ने आपत्ति करते हुए कहा कि, नियम के तहत डीजीपी को अधिकार दिया गया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वो मनमाना छूट देंगे, यह वैधानिक है।

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