कोरबा. कोयला उत्खनन के लिए दीपका और गेवरा विस्तार परियोजना के तहत अधिग्रहित किए गए 3 गांव मलगांव, अमगांव और सुवाभोड़ी को विलोपित कर अन्यत्र ग्राम पंचायत में जोड़ने का विरोध शुरू हो गया है. आज सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने बिना किसी पूर्व में सूचना दिए बैनर लेकर कलेक्टोरेट पहुंचे और गांवों को विलोपित नहीं कर यथावत रखे जाने की मांग की. सैकड़ों की संख्या में इतने ग्रामीणों के कलेक्टोरेट पहुंचने पर प्रशासन भी सकते में आ गया और तत्काल सिविल लाइन थाने में सूचना दी गई. फिर सिविल लाइन प्रभारी दल-बल के साथ कलेक्टोरेट पहुंचे और ग्रामीणों को धरनास्थल में जाकर अपनी मांग रखने के लिए समझाइश दी गई, लेकिन ग्रामीण, कलेक्टर से मिलकर ही अपनी बात रखने मौके पर डटे रहे.
इधर, ग्रामीणों के हठ के आगे प्रशासन की एक न चली और आखिरकार कलेक्टर अजीत वसंत को बाहर आकर ग्रामीणों से मिलना पड़ा. ग्रामीणों ने अपनी मांग का ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा है.
ग्रामीणों ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि SECL को केवल कोयला उत्खनन की भूख है, इसलिए अभी तक जमीन अधिग्रहण के बदले मुआवजा और पुनर्वास नीति पर ध्यान नहीं दिया है और अब प्रशासन गांव को विलोपित कर उसकी पहचान खत्म करने पर तूला हुआ है.