Janjgir News : प्रदेश की कृषि सखी और पशु सखियों को प्रशिक्षण पश्चात किया गया असेसमेंट, कृषि में आय दोगुनी को लेकर महिलाओं को आरसेटी में दिया जा रहा 13 दिवसीय कृषि उद्यमी का प्रशिक्षण

जांजगीर-चाम्पा. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के कृषि सखी और पशु सखियों को छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को कृषि क्षेत्र में और पशुपालन के कारोबार से जोड़ने तथा उनके आजीविका गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्यों को लेकर ग्रामीण स्व रोजगार प्रशिक्षण संस्थान में कृषि क्षेत्र में कृषि उद्यमी,डेयरी, वर्मी कंपोस्ट निर्माण, सुकर पालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन और सब्जी खेती व नर्सरी प्रबंधन का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है और प्रशिक्षण पश्चात उनकी छत्तीसगढ़ राज्य आरसेटी के नियंत्रक अरुण कुमार सोनी के मार्गदर्शन में असेसमेंट किया जा रहा है।



छत्तीसगढ़ राज्य आरसेटी के कृषि उद्यमी, सब्जी खेती व नर्सरी प्रबंधन और आचार, पापड़, मसाला पाउडर निर्माण प्रशिक्षण के मास्टर ट्रेनर व असेसर दीनदयाल यादव ने बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कृषि क्षेत्र के साथ ही पशुपालन के कारोबार को बढ़ावा देने के उद्देश्य को लेकर ग्रामीणों के बीच काम कर रही कृषि सखी और पशु सखियों को 13 दिवसीय कृषि उद्यमी प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ा गया है।प्रशिक्षण में उन्हें समन्वित कृषि प्रणाली को अपनाने तथा जैविक कृषि के महत्व को बताया जा रहा है।

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खेती के लागत को करके कृषि क्षेत्र मेंअधिक आमदनी बढ़ाने का टिप्स भी बताएं जा रहे हैं। कृषि सखी और पशु सखी महिलाओं को कृषि क्षेत्र में दलहनी फसलों, तिलहनी फसल, सब्जी, फल, फूल, औषधीय पौधों की खेती करने की तकनीक सिखाई जा रही है और पशु सखियों को गाय, भैंस, डेयरी उद्योग, जैविक खाद निर्माण,बकरी पालन, मुर्गी पालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, लाख उत्पादन, मशरूम उत्पादन, सुकर पालन, खरगोश पालन आदि कारोबार को करने की जानकारी 13 दिवसीय कृषि उद्यमी प्रशिक्षण कार्यक्रम में दिया जा रहा है। इसी तरह कृषि क्षेत्र में दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में सब्जी खेती व नर्सरी प्रबंधन, डेयरी, वर्मीकम्पोस्ट निर्माण, मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन आदि विषयों को शामिल किया गया है।

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कृषि उद्यमी, सब्जी खेती नर्सरी प्रबंधन और आचार, पापड़, मसाला पाउडर निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम के मास्टर ट्रेनर व असेसर दीनदयाल यादव ने बताया कि आरसेटी के डायरेक्टर के मार्गदर्शन में सिलेबस के मुताबिक प्रशिक्षण दिया जाता है और प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान उन्हें भ्रमण भी कराई जाती है। प्रशिक्षण के अंतिम दिवस छत्तीसगढ़ राज्य आरसेटी के नियंत्रक अरुण कुमार सोनी के निर्देश पर असेसमेंट किया जाता है।

क्या है अससमेन्ट
कृषि क्षेत्र के मास्टर ट्रेनर दीनदयाल यादव ने बताया कि किसी ब्यक्ति के ज्ञान, कौशल या क्षमताओं को मापने का तरीका है। यह परीक्षा किसी विशेष विषयों तथा क्षेत्र में ली जाती है। उन्होंने बताया कि असेसमेंट टेस्ट अर्थात मूल्यांकन कई तरह के होते हैं। जैसे कि बहुविकल्पीय, मौखिक रूप, प्रदर्शनी के माध्यम से आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य आरसेटी के नियंत्रक अरुण कुमार सोनी के मार्गदर्शन में डोमिन असेसर और ईडीपी असेसर के द्वारा यह पता लगाया जाता है कि प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों ने कितनी जानकारी सीखी है और अपने लक्ष्य, उद्देश्य को कितने अच्छे तरीके से पूरा किया। वहीं असेस्मेंट में यह भी पता चलता है कि प्रतिभागियों की संचार कौशल का स्तर क्या है।

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