Kisaan School : कई राज्यों में सप्लाई हो रहा किसान स्कूल का केंचुआ, अमेरिका के वैज्ञानिकों ने भी देखा था यहां का आइसिंनिया फोटिडा किस्म का केचुआ

जांजगीर-चाम्पा. जिले के एक छोटा सा गांव बहेराडीह में स्थापित देश का पहला किसान स्कूल में लंबे समय से पालन हो रहे उन्नत किस्म की केंचुआ की सप्लाई छत्तीसगढ़ के अलावा भारत के कई राज्यों में हो रही है, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका के वैज्ञानिकों को यहाँ का केंचुआ खूब पसंद आया.



इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह के संचालक दीनदयाल यादव ने बताया कि कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण प्राप्त करने और आत्मा योजना के तहत राज्य के बाहर भ्रमण के दौरान जैविक खाद बनाने और जैविक कृषि के तकनीक को देखकर वर्ष 2005 से घर के पीछे बाड़ी में जैविक खाद बनाने और केंचुआ पालन का काम छोटे स्तर पर शुरू किया था.

अब कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र,क्रेडा विभाग, पशुधन विकास विभाग और उद्यान विभाग के सहयोग से जैविक खाद बनाने और केंचुआ पालन के कारोबार को बड़े स्तर पर करके लाखों रुपए आमदनी प्राप्त कर रहे हैं. उन्होंने बताया यहाँ की केचुआ की सप्लाई इस समय बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा समेत कई राज्यों में बस,ट्रेन के माध्यम से सप्लाई किया जा रहा है.

इसे भी पढ़े -  Sheorinarayan News : शिवरीनारायण थाना प्रभारी भास्कर शर्मा ने किया पदभार ग्रहण, स्टाफ ने किया स्वागत

केचुआ पालन को लेकर अनुसंधान जारी
भारत में पाये जाने कई प्रकार की केचुआ का पालन करने की योजना बनाई जा रही है. अभी तक यहाँ पर भुण्डियन केचुआ, अफ्रीकन केचुआ और ऑस्ट्रेलियन केचुआ का अलग अलग जगह पर करके अनुसंधान किया गया, लेकिन यहाँ का वातावरण ऑस्ट्रेलियन केचुआ के लिये अनुकूल पाया गया, वहीं जैविक खाद अर्थात वर्मी कंपोस्ट तथा वर्मीवाश की गुणवत्ता भी अच्छा पाया गया. अनुसंधानकर्ता दीनदयाल यादव ने बताया कि ऑस्ट्रेलियन केचुआ बहुत ही तेजी से पनपने वाला केचुआ है, जबकि इस जिले के लिये भुण्डियन केचुआ और अफ्रीकन केचुआ की बृद्धि के लिए उपयुक्त नहीं है.

262 रुपये प्रति किलो थोक कीमत पर सप्लाई हो रहा केचुआ
केंचुआ पालन को लेकर अनुसंधान कर रहे अनुसंधानकर्ता दीनदयाल यादव कृषि विभाग में कृषक मित्र हैं, जो किसान स्कूल में और ग्रामीण स्व रोजगार प्रशिक्षण संस्थान तथा नाबार्ड की ओर से किसानों को जैविक खाद बनाने और केचुआ पालन का निःशुल्क प्रशिक्षण देते हैं. यहाँ पर प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद किसानों को 262 रुपये प्रति किलोतथा 10 रुपये प्रति किलो थोक कीमत की हिसाब से बिक्रय किया जाता है.

इसे भी पढ़े -  JanjgirChampa Suicide : भठली गांव की महिला ने घर में फांसी लगाकर की खुदकुशी, जांच में जुटी नवागढ़ पुलिस

केंचुआ को कछुआ से होता है भारी नुकसान
केचुआ जो कि कछुआ के लिए बहुत ही पसंददीदा आहार है। ठीक इसी तरह मुर्गी और चींटी भी केचुआ को भारी नुकसान पहुचाती है. केचुआ पालन के लिए किसान को बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत होती है. कृषि विभाग, उद्यान विभाग या पंचायत विकास विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, मनरेगा योजना या किसी भी योजना के तहत किसानों के घर के पीछे ववर्मी टांका बनाया जाता है तो केंचुआ की सप्लाई किसान स्कूल से ही किया जाता है. इस बीच किसानों को यहां पर केचुआ पालन करने की निःशुल्क प्रशिक्षण भी दिया जाता है.

इसे भी पढ़े -  Sakti Accident : कैथा में बाइक की ठोकर से व्यक्ति को आई गंभीर चोट, गंभीर रूप से घायल व्यक्ति बिलासपुर के अस्पताल में भर्ती, इलाज जारी, केस दर्ज

error: Content is protected !!