Raipur News : आधी रात को- “हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की” के शब्द ध्वनि से गुंज उठा मठ

रायपुर. राजधानी रायपुर के सबसे प्राचीन स्थलों में से एक श्री दूधाधारी मठ में जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्री कृष्ण चंद्र जी का जन्मोत्सव श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया गया। मंदिर को दिव्य विद्युत रोशनी से आलोकित किया गया है। रात्रि जैसे-जैसे गहराती गई लोगों का सैलाब उमड़ना प्रारंभ हुआ। लोगों को नियंत्रित करने में पुलिस बल को भी मशक्कत करनी पड़ी। आधी रात को पूरा मठ परिसर हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की के शब्द ध्वनि से गुंज उठा। लोग भगवान के स्वर्ण श्रृंगार का दर्शन करने के लिए लालायित थे। सबसे पहले श्री बालाजी मंदिर में तथा इसके पश्चात संकट मोचन हनुमान जी एवं राम पंचायतन में पूजा अर्चना संपन्न हुआ। राजधानी एवं राज्य के अनेक स्थानों से आए हुए दर्शनार्थियों ने भगवान का दर्शन पूजन कर अपना जीवन धन्य बनाया। मंदिर परिसर में भजन संध्या का भी आयोजन किया गया था जिसमें मयंक स्वस्तिक भजन ग्रुप टिकरापारा रायपुर से आए हुए कलाकारों ने बेहतरीन भजन गायन करके लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोग उनके प्रत्येक गानों पर श्रद्धा भक्ति पूर्वक नृत्य करते एवं झूमते हुए नजर आये



इसे भी पढ़े -  Akaltara Big News : आंगनबाड़ी सहायिका की नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ करने वाला मुख्य आरोपी सहित 2 आरोपी गिरफ्तार, दोनों आरोपी भेजे गए न्यायिक रिमांड में

। महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने अपने संदेश में कहा है कि- जब से श्री दूधाधारी मठ की स्थापना हुई है, तब से लेकर आज पर्यंत यहां जन्माष्टमी महोत्सव बहुत ही श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया जाता है। भगवान का स्वर्ण श्रृंगार किया गया है, श्रद्धालु भक्तजन 19 अगस्त तक भगवान के इस दिव्य स्वरूप का दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष में केवल तीन बार ही भगवान का स्वर्ण श्रृंगार किया जाता है, जिसके दर्शन के लिए लोग प्रतीक्षारत रहते हैं। यह विशेष श्रृंगार रामनवमी, जन्माष्टमी एवं विजयदशमी अर्थात दशहरा के अवसर पर किया जाता है। उन्होंने संपूर्ण देशवासियों को जन्माष्टमी महोत्सव की शुभकामनाओं सहित बधाई दी है।

इसे भी पढ़े -  मस्तूरी में रावत नृत्य महोत्सव 14 नवंबर को

error: Content is protected !!