चाम्पा-सारागांव. जाटा गांव में शासकीय भूमि पर अवैधानिक रूप से अतिक्रमण करके खेती करने वाले 39 किसानों के धान की फ़सल को तहसीलदार ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में जब्त करने की कार्रवाई की है. यहां पर इस प्रकार की कार्रवाई पिछले तीन साल से लगातार की जा रही है. फिर भी अतिक्रमणकारी लोगों को कार्रवाई का जरा सा भी खौफ नहीं है, वहीं शासकीय भूमि को हर हाल में छोड़ने को तैयार नहीं है.



जाटा गांव की स्थानापन्न सरपंच श्रीमती चन्द्रकला सरवन कश्यप ने बताया कि तथाकथित लोगों द्वारा शासकीय भूमि को अवैध रूप से अतिक्रमण करके खेती की जा रही है. पिछले तीन साल से लगातार सारागांव तहसील के तहसीलदार के द्वारा शासकीय भूमि पर लगाई जाने वाली धान की फ़सल की जब्ती कार्रवाई की जा रही है. फिर भी लोग शासकीय भूमि को नहीं छोड़ रहे हैं. इस बार भी मौके पर तहसीलदार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर शासकीय भूमि पर अवैध रूप से खेती कर रहे 39 किसानों की धान की फ़सल को जब्त करने की कार्यवाही स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों के मौजूदगी में किया गया और धान की फ़सल को पंचायत सरपंच और कोटवार के सुपुर्द किया गया. फ़सल जब्त की कार्रवाई की सूचना अतिक्रमणकरियों को कोटवार द्वारा मुनादी के माध्यम से दी गई है.
तीन बार की फ़सल जब्त की कार्रवाई का कोई असर नहीं सारागांव तहसील अंतर्गत ग्राम जाटा में करीब 60 एकड़ शासकीय भूमि को अवैध रूप से अतिक्रमण करके खेती की जा रही है. अतिक्रमणकरियों को क़ानून का जरा सी खौफ़ नहीं है. प्रशासन द्वारा कड़ी कार्यवाही नहीं होने से अतिक्रमणकरियों के हौसले बुलंद है, जबकि न्यायालय तहसीलदार के बार-बार नोटिस और आदेश का उलंघन करने वाले चाहे कोई भी हों, उन्हें न्यायलय के आदेश का उलंघन करने के आरोप में सम्बंधित पुलिस थाने में बाकायदा एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने का प्रावधान है, लेकिन यहां पर अतिक्रमणकरियों के विरुद्ध इस तरह की कड़ी कार्रवाई नहीं किया जाना समझ से परे है.






