जांजगीर-चाम्पा. ग्रामीण स्व रोजगार प्रशिक्षण संस्थान जांजगीर में आरसेटी बाजार का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के बिहान की महिलाओं के अलावा सक्ती और कोरबा सहित 3 जिले के बिहान की दीदी अपने उत्पादों के साथ शामिल हुई. आरसेटी बाजार का शुभारम्भ संस्थान के फेकेल्टी अरुण कुमार पाण्डेय ने किया.
आरसेटी बाजार में शामिल बलौदा ब्लॉक के कुरदा कलस्टर अंतर्गत ग्राम बहेराडीह, जाटा के पशु सखी पुष्पा यादव ने बताया कि उन्होंने ग्रामीण स्व रोजगार प्रशिक्षण संस्थान में दो साल पहले सब्जी खेती और नर्सरी प्रबंधन का प्रशिक्षण ली हैं. प्रशिक्षण उपरांत साग भाजी और फल-फूल के अवशेष से तैयार विभिन्न प्रकार की जैविक खाद, केला, अलसी, भिंडी, अमारी भाजी, चेच भाजी और कमल फूल के रेशे से बनाई गई रंग बिरंगी हर्बल राखी, कपड़ा, बेग तथा देशी बीजों को विक्रय हेतू वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह की टीम के साथ शामिल हुई.
सक्ती जिले के पलाड़ीकला के बिहान की एफएलसीआरपी पुष्पा साहू ने बताया कि उन्होंने आरसेटी से सालभर पहले क़ृषि उद्यमी की प्रशिक्षण ली हैं. प्रशिक्षण पश्चात क़ृषि क्षेत्र में कई प्रकार की आजीविका गतिविधियों का संचालन करके आमदनी ले रही हैं. आरसेटी बाजार में उन्होंने किसान स्कूल के साथ मिलकर हर्बल राखी का विक्रय हेतू स्टॉल लगाई. इसी तरह नवागढ़ ब्लॉक अंतर्गत ग्राम सुकली निवासी नंदनी बघेल ने बताया कि आरसेटी ने उनके गाँव में सब्जी खेती और नर्सरी प्रबंधन का प्रशिक्षण लीं हैं. प्रशिक्षण के बाद वे अपने परिवार के लिए जैविक पद्धति से साग भाजी, फल फूल की खेती करतीं हैं. वे इस समय धान से रंग बिरंगी आकर्षक राखिया बना रहीं हैं. आरसेटी बाजार में इस प्रकार की राखी की खूब विक्रय हुई. आचार पापड़ और मसाला पावडर निर्माण प्रशिक्षण लेने के बाद बम्हनीडीह ब्लॉक के परसापाली की सविता पटेल ने कई प्रकार की उत्पाद बनाकर आय अर्जित कर रहीं हैं. इसी प्रकार किसान स्कूल टीम से जुड़े मोहन लाल साहू, हेमलता साहू, कृष्ण कुमार कौशिक ने आरसेटी बाजार में डीटर्जेन्ट पावडर,हर्बल साबुन, फिनाइल, अगरबत्ती तथा बास से निर्मित आकर्षक चीजों की खूब बिक्रय हुई.
आरसेटी बाजार को सफल बनाने में छत्तीसगढ़ राज्य आरसेटी के मास्टर ट्रेनर व असेसर एसएस ठाकुर समेत दीनदयाल यादव, पूजा विश्वकर्मा, मिथलेश्वरी, योगेश कुमार यादव, दाताराम कश्यप, बंशीलाल यादव का सराहनीय योगदान रहा. इस अवसर पर स्थानीय जिले के अलावा सक्ति जिले के दर्जनों गाँव की महिलाएं, युवतियां और ग्रामीण बड़ी संख्या में शामिल हुए.