जांजगीर-चांपा. जिले में संचालित किशोर न्याय (बालकों देखरेख एवं संरक्षण) की अधिनियम 2015 की धारा 41 अंतर्गत पंजीकृत बाल देखरेख संस्था में निवासरत देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों को किशोर न्याय (बालकों देखरेख एवं संरक्षण ) अधिनियम 2015 की धारा 44 तथा मॉडल गाइड लाईन फास्टर के प्रावधानानुसार अस्थायी संरक्षण में दिये जाने हेतु फास्टर केयर में भारतीय दंपत्तियों से आवेदन आमंत्रित किया गया है।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी के द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार फास्टर केयर परिवार का दायित्व होगा कि बालक के समुचित भोजन, वस्त्र, आश्रय, शिक्षा, देखभाल एवं संरक्षण की व्यवस्था करेगा।
आवश्यकतानुसार सभी प्रकार की चिकित्सा, आयु एवं रूची अनुसार व्यवसायिक प्रशिक्षण, बालक की विकास संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति, बालक की शोषण, दुर्व्यवहार, हानि, उपेक्षा से सुरक्षा तथा बालक एवं उसके जैविक परिवार की निजता का सम्मान करना होगा। साथ ही फास्टर केयर मार्गदर्शिका 2016 में उल्लेखित सभी दायित्वों, शर्तों तथा बाल कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
ऐसे भारतीय दंपत्ति देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों को अस्थायी रूप संरक्षण में लेना चाहते है, वे जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला जांजगीर-चापा के कार्यालय में संपर्क कर निर्धारित प्रपत्र में आवेदन कर सकते है।
आवेदन के पश्चात अधिनियम एवं गाईड लाईन के प्रकाश में गृह अध्ययन प्रतिवेदन तथा स्पांसरशिप एवं फास्टरकेयर अनुमोदन समिति की अनुशंसा के आधार पर बाल कल्याण समिति द्वारा बालक को संबंधित दंपत्ति को फास्टर केयर में दिया जा सकेगा।