प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन औषधि दिवस समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए शिलांग में बने 7500वें जनऔषधि केंद्र को देश को समर्पित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत दुनिया की फार्मेसी है। ये सिद्ध हो चुका है, दुनिया हमारी जेनरिक दवाईयां लेती है। लेकिन हमारे यहां ही उनको प्रोत्साहित नहीं किया गया। अब हमने उस पर बल दिया है। कोरोना काल में दुनिया ने भारत की दवाइयों की शक्ति को अनुभव किया है। आज हमारे पास हमारे देश और दुनिया के लिए ‘मेड इन इंडिया’ कोरोना टीके हैं। कोरोना टीकाकरण सरकारी अस्पतालों में मुफ्त और 250 रुपये में निजी अस्पतालों में किया जा रहा है। मैंने भी कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ले ली है।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गरीबों और मध्यम आय वर्ग के परिवारों के लिए देशभर में पीएम जनऔषधि योजना चलाई जा रही है। यह योजना ‘सेवा और रोज़गार’ का एक माध्यम है, क्योंकि यह युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करती है
जनऔषधि परियोजना का मकसद लोगों को कम कीमत पर गुणवत्ता वाली दवाइयां उपलब्ध कराना
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अनुसार प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना का मकसद लोगों को कम कीमत पर गुणवत्ता वाली दवाइयां उपलब्ध कराना है। इन केंद्रों में 40-90 फीसद तक दवाइयां सस्ती मिलती हैं।