जांजगीर-चाम्पा. फ़ास्ट ट्रैक पाक्सो कोर्ट सक्ती के विशेष न्यायाधीश श्रीमती गीता नेवारे ने आरोपी नरेंद्र उर्फ टिल्लू चौहान, स्टेशन पारा सक्ती के खिलाफ नाबालिग से अनाचार के मामले में दोष सिद्ध होने पर उसे 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं ₹5000 के अर्थदंड से दंडित किया है।
फास्ट ट्रैक पाक्सो कोर्ट सक्ती के विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत के अनुसार, यह घटना सक्ती थाना क्षेत्र अंतर्गत की है। नाबालिग पीड़िता के साथ अभियुक्त द्वारा 27-10- 2017 के 1 वर्ष पूर्व से लगातार बलातसंग किया जा रहा था। पीड़िता के माता-पिता नहीं होने से वह दूसरों के घर में झाड़ू पोछा का काम करके अपने एक भाई एवं बहन के साथ अपने घर में रहती थी। पीड़िता जब काम करने जाती थी तो अभियुक्त उसका पीछा करता था तथा ज्यादा जान-पहचान होने पर उसके घर भी आना-जाना करने लगा था। पीड़िता के घर के दरवाजा टूटा हुआ था, जिसका फायदा उठाते हुए अभियुक्त रोजाना उसके दरवाजा रात्रि में बाहर से खोल कर घर अंदर आकर नाबालिग लड़की को शादी का प्रलोभन देकर 27 अगस्त 2017 के 1 वर्ष पूर्व तक उसके साथ कई बार अनाचार किया, जिसके कारण नाबालिग पीड़िता चार-पांच माह की गर्भवती हो गई तथा नाबालिग ने 23-10-2017 को एक पुत्री को जन्म दिया।
तदुपरांत नाबालिग लड़की अपनी पुत्री को लेकर अभियुक्त के पास गया, किंतु उसने अपने पास रखने से साफ मना कर दिया। उपरोक्त घटना की रिपोर्ट नाबालिग द्वारा थाना शक्ति में दर्ज कराया गया। पुलिस थाना शक्ति द्वारा अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था और विवेचना उपरांत अभियोग पत्र भारतीय दंड संहिता की धारा 376 एक एवं चार छह पाक्सो एक्ट के तहत न्यायालय में पेश किया गया था।
न्यायालय ने विचारण उपरांत अभियुक्त के खिलाफ आरोप दोष सिद्ध पाए जाने पर विशेष न्यायाधीश श्रीमती गीता नेवारे ने अभियुक्त को 10 वर्ष की सश्रम कारावास एवं ₹5000 के अर्थदंड से दंडित किया है एवं अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा दी है। न्यायाधीश श्रीमती गीता नेवारे ने पीड़िता को शासन से ₹100000 क्षतिपूर्ति के रूप में दिलाए जाने की अनुशंसा की है।